कार्यकारी अभियंता, उपअभियंता और कनिष्ठ अभियंता रिश्वत लेते धरे गये
पुणे जिला परिषद के कार्यालय की घटना

* 2.54 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी शासकीय ठेकेदार से
पुणे/दि.15 – पुणे जिला परिषद के निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता सहित उपअभियंता व कनिष्ठ अभियंता को होली के पूर्व संध्या पर 1 लाख 42 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड लिया गया.इस कार्रवाई से जिप प्रशासन में खलबली मच गई है.
जानकारी के मुताबिक रिश्वते लेते पकडे गये रिश्वतखोरों के नाम कार्यकारी अभियंता बाबुराव कृष्णा पवार (57), उपअभियंता दत्तात्रय भगवंतराव पठारे (55) और कनिष्ठ अभियंता अंजलि प्रमोद बगाडे है. बताया जाता है कि, शिकायतकर्ता शासकीय ठेकेदार है. वह अपनी फर्म के नाम से शासकीय ठेके लेते रहते है. कार्यकारी अभियंता निर्माण विभाग (दक्षिण) जिला परिषद पुणे ने दौंड तहसील के खुटबाय रोड से गलांडवाडी पगडंडी शिवमार्ग व गलांडवाडी मंदिर से ज्ञानदेव कदम के घर तक मार्ग के निर्माण कार्य की निविदा सितंबर 2024 में प्रकाशित की थी. शिकायतकर्ता को इन दोनों काम की वर्क ऑर्डर मिली थी. जीएसटी सहित इन दोनों काम के बिल 40 लाख रुपए थे. शिकायतकर्ता शासकीय ठेकेदार ने यह दोनों काम पूर्ण कर 3 मार्च 2025 को कनिष्ठ अभियंता अंजलि बगाडे का बिल प्रस्तुत किया, तब कनिष्ठ अभियंता ने संबंधित ठेकेदार को निर्माणकार्य स्थल पर जाकर पुणे जिला परिषद से एमक्यूएम कमिटी जायजा लेकर रिपोर्ट देगी और इसके लिए प्रत्येक काम पर 7 हजार रुपए ऐसे कुल 14 हजार रुपए की मांग की. साथ ही शिकायतकर्ता के दो काम के बिल की फाइल तैयार कर मंजूरी के लिए ऑनलाइन प्रस्तुत करने के लिए बिल की रकम के मुताबिक दो प्रतिशत रिश्वत यानि 80 हजार रुपए की मांग की गई. पश्चात शिकायतकर्ता उपअभियंता दत्तात्रय पठारे से मिले, तब उन्होंने दोनों काम के बिल की फाइल की जांच कर कार्यकारी अभियंता के पास भेजने के लिए 80 हजार रुपए की मांग की और कार्यकारी अभियंता बाबूराव पवार से मिलने पर दोनों काम के बिल की फाइल मंजूर करने के लिए 80 हजार रुपए मांगे, तब इस शासकीय ठेकेदार ने पुणे के एसीबी कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई. रिश्वत की यह रकम 13 मार्च को देना तय हुआ था. इसके मुताबिक एसीबी विभाग के निरीक्षक रुपेश जाधव के दल ने पुणे जिला परिषद कार्यालय परिसर में जाल बिछाकर जिला परिषद के निर्माण विभाग के तीनों अधिकारियों को 1 लाख 42 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड लिया. इस कार्रवाई से जिला परिषद प्रशासन में खलबली मच गई है.