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आचार संहिता का भय, बगैर फसल पंचनामा मदद

चार माह में 19 लाख हेक्टेयर में नुकसान

पुणे/दि. 9 – विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के डर से राज्य के महायुति सरकार ने जुलाई-अगस्त दौरान अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति का ऐलान कर दिया. फसलों का पंचनामा किए बगैर सहायता घोषित की गई है. अमरावती, पुणे और नाशिक संभाग का अतिवृष्टि का प्राथमिक अहवाल प्रस्तुत न होने की बात पता चली है. फिर भी सहायता घोषित होने पर अधिकारी वर्ग ही अचंभित है.
* 19 लाख हेक्टेयर में क्षति
प्राकृतिक आपदा में अतिवृष्टि और अकाल से हुए नुकसान में फसलों का पंचनामा किया जाता है. उसे अ, ब, क, ड श्रेणी में अहवाल तैयार किया जाता है. यह रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करने के बाद उस पर सहायता घोषित की जाती है. इस बार बारिश के जून-सितंबर सीजन में अतिवृष्टि की वजह से 19 लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान होने की जानकारी है.
* प्राथमिक रिपोर्ट नहीं
अमरावती संभाग में हुए नुकसान का अहवाल राज्य शासन के पास जमा नहीं किया गया है. यही हाल पुणे और नाशिक संभाग का है. फिर भी 942 करोड की सहायता घोषित की गई. जुलाई-सितंबर माह के लिए 1471 करोड की सहायता घोषित की गई है. सरकार ने जून और जुलाई के लिए 5, 20, 23 और 30 सितंबर को चार बार शासन निर्णय जारी किए. अगस्त में हुए नुकसान की सहायता घोषित करते हुए 20, 23, 30 सितंबर और 4 अक्तूबर का जीआर जारी किया था.

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