प्रदेश की 5 हजार शालाएं जाने का डर
दत्तक योजना से सरकारी शालाएं उद्योगपतियों को !
मुंबई/ दि. 6- दानशुर व्यक्ति, स्वयंसेवी संस्था, कारपोरेट के सहयोग से शालाओं में बुनियादी सुविधा और आवश्यक सुविधा उपलब्ध कर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने सरकारी शालाओं हेतु दत्तक योजना शालेय शिक्षा विभाग ने बनाई है. दूसरी ओर इस योजना के नाम पर प्रदेश की 5 हजार शालाएं बडे उद्योगपति को देने की कोशिश का दावा किया जा रहा है. नाना प्रकार के सवाल उपस्थित किए जा रहे हैं. बडे उद्योगपति को सरकारी शाला गोद दे देने पर गरीब और सामान्य लोगों के बच्चों की शिक्षा का बडा सवाल मुंहबाए खडा होने का दावा कुछ लोगों ने किया है.
* क्या है दत्तक योजना
शिक्षा विभाग ने 5 और 10 वर्षो के लिए शाला गोद देने का निर्णय किया है. जिससे संबंधित उद्यमी, संस्था वहां मूलभूत सुविधाएं ठीक करेगी, बढायेंगी. अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण भी कर सकेगी. सरकारी और स्थानीय स्वराज्य संस्था की सभी शालाओं में गोद योजना क्रियान्वित होगी. चंदा देनेवालों का नाम सरकारी शाला को दिया जा सकेगा.
* विविध स्तर से विरोध
सरकार की अनेक शालाओं के लिए प्रस्तावित गोद योजना का व्यापक विरोध हो रहा हैं. योजना की जानकारी देेते हुए मेरी शाला सुंदर शाला कार्यक्रम के पुरस्कार वितरण के बहाने उस उद्योगपति का नाम सामने आ गया है. जिससे राज्य की मौके की जगह रहनेवाली जिला परिषद और विविध स्वराज्य संस्थाओं की 5 हजार शालाएं एक बडे उद्यमी के हवाले करने का प्रकार उजागर हो रहा है.
* और प्रखर होगा विरोध
सूत्रों के अनुसार शाला गोद योजना में बडे उद्यमियों को सरकार ऑफर दे रही हैं. सरकार की ये शालाएं उस गांव, शहर में मौके के स्थान पर हैं. उसकी जगह का उपयोग उद्यमी कर सकेंगे. खबर के अनुसार एक ही उद्योजक ने 5 हजार शालाएं गोद लेने की तैयारी दर्शाई है. जिससे स्पष्ट है कि आनेवाले दिनों में शाला गोद योजना का विरोध और तीव्रता से होगा.