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मंत्रालय में दनादन साईन हो रही फाईलें!

विकासकामों के लिए फटाफट फंड रिलीज करने का चल रहा काम

* सभी मंत्री व विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों की फाईले करा रहे मंजूर
* अधिकारियों में देखी जा रही जमकर भागमभाग
* अक्तूबर माह में हो सकता है विधानसभा का चुनाव
* सितंबर माह से ही लग सकती है आचार संहिता
* इसी माह में फंड रिलीज कराकर टेंडर प्रक्रिया की जद्दोजहद
मुंबई/दि. 16 – विगत 28 जून को राज्य विधान मंडल का पावस सत्र शुरु होते ही राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार द्वारा राज्य सरकार की ओर से राज्य का अतिरिक्त बजट पेश किया गया था. जिसमें हजारो करोड रुपयों की लागत से किए जानेवाले विकासकामों को लेकर घोषणा की गई थी. ऐसे में अब आधा जुलाई माह बित जाने के चलते सभी विधायकों व मंत्रियों द्वारा अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रो के लिए की गई घोषणाओं को ध्यान में रखते हुए उन विकासकामों हेतु निधि मंजूर करवाने को लेकर मंत्रालय में डेरा जमा दिया गया है. ताकि, संबंधित कामों के प्रस्तावो व निधि को मंजूरी आगामी 31 जुलाई के पहले दिलाई जा सके और उन कामों की जल्द से जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरु कराई जा सके. ऐसे में इस समय मुंबई स्थित मंत्रालय में मंत्रियों और विधायको के जमावडे सहित अधिकारियों की गहमागहमी वाला आलम देखा जा रहा है और विभिन्न विकासकामों से संबंधित करोडो रुपयों की फाईलो पर दनादन हस्ताक्षर कराए जा रहे है.
बता दे कि, इसी वर्ष आगामी 15 से 25 अक्तूबर के बीच राज्य में विधानसभा हेतु चुनाव कराए जाने की पूरी संभावना है. जिसके लिए मतदान की तारीख से 45 दिन पहले ही चुनावी आचार संहित लागू हो जाएगी. जिसका सीधा मतलब है कि, सितंबर माह के पहले सप्ताह तक चुनावी आचार संहिता लागू हो सकती है. जिसे ध्यान में रखते हुए अब सभी विधायकों द्वारा इस बात को लेकर प्रयास किए जा रहे है कि, जारी जुलाई माह के दौरान ही वे अपने-अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों हेतु मंजूर विकासकामों के लिए निधि की मंजूरी करवा ले. ताकि, निधि को मंजूरी मिलते ही जल्द से जल्द टेंडर की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सके और यदि संभव हो तो चुनावी आचार संहिता के लागू होने से पहले ही वर्क ऑर्डर जारी करते हुए उन विकासकामों का भूमिपूजन व शुभारंभ किया जा सके. ताकि, उसका आगामी चुनाव में फायदा भी मिल सके. जिसके चलते इस समय मुंबई मंत्रालय की 6 मंजिला इमारत के सभी विभागो में जबरदस्त घमासान व भागदौड वाली स्थिति है. ऐसे में सभी अधिकारियों के टेबलो पर फाईलो के गठ्ठे लगे हुए है और विधायकों द्वारा लाए जानेवाले पॉलिटिकल प्रेशर के चलते सभी फाईलो पर दनादन हस्ताक्षर भी हो रहे.
विशेष उल्लेखनीय है कि, विधानसभा के आगामी चुनाव को देखते हुए इस समय प्रशासनिक स्तर पर चुनाव को लेकर भी जबरदस्त तैयारियां चल रही है. वहीं दूसरी ओर पावससत्र के दौरान अतिरिक्त बजट के पेश हो जाने और समूचे राज्य के लिए हजारो करोड रुपयों के विकासकामो की घोषणा किए जाने के चलते उन विकासकामों से संबंधित फाईलो को निपटाने और फिर अंतिम टेंडर प्रक्रिया को शुरु करने का जिम्मा भी अब प्रशासन पर आ गया है. जिसके चलते मंत्रालय सहित प्रशासन से जुडे अधिकारियों पर काम की दोहरी जिम्मेदारी आ गई है.

* इस बार गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव पर रहेगा आचार संहिता का साया
बता दे कि, इस वर्ष आगामी 7 सितंबर से 10 दिवसीय गणेशोत्सव शुरु होगा. तथा 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी वाले दिन गणेश विसर्जन का पर्व मनाया जाएगा. इसके उपरांत 3 अक्तूबर को घटस्थापना के साथ ही 9 दिवसीय शारदीय नवरात्र का प्रारंभ होगा और 12 अक्तूबर को विजयादशमी यानी दशहरे का पर्व मनाया जाएगा. ऐसे में स्पष्ट है कि, यदि 15 से 25 अक्तूबर के दौरान विधानसभा के चुनाव करवाए जाते है तो गणेशोत्सव व नवरात्रौत्सव पर्व के दौरान आचार संहिता लागू रहेगी. वहीं इसके उपरांत 2 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा. जिसके चलते इस बार यह देखना दिलचस्प रहेगा कि, इस वर्ष दीपावली पर चुनाव के बाद किसके पटाखे जमकर फूटते है और किसका बार ‘फुसका’ साबित होता है.

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