4 लोगों की हत्या करने वाले 3 आरोपियों की फांसी पर 14 को अंतिम सुनवाई
अकोला जिले के हिवरखेड में आपसी विवाद के चलते घटित हुआ था हत्याकांड
* अकोट की सत्र अदालत ने मां-बाप व बेटे को सुनाई थी फांसी की सजा
* बहन ने पति व बेटे के साथ मिलकर दो भाई व दो भतीजों को उतारा था मौत के घाट
* हाईकोर्ट में पहुंचा है मामला, दो सदस्यीय खंडपीठ करेगी फैसला
नागपुर /दि.8- अकोला जिले की तेल्हारा तहसील अंतर्गत हिवरखेड पुलिस थाना क्षेत्र में खेती के विवाद को लेकर अपने 4 रिश्तेदारों की हत्या करने वाले 3 आरोपियों की फांसी की सजा पर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्या. विनय जोशी व न्या. वृशाली जोशी की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष आगामी सोमवार 14 अक्तूबर से अंतिम सुनवाई शुरु होगी. इस सुनवाई के दौरान फिलहाल नागपुर के मध्यवर्ती कारागार में बंद रहने वाले आरोपियों को अदालत में ऑनलाइन तरीके से उपस्थित किया जाएगा. इन आरोपियों ने हरिभाउ राजाराम तेलगोटे (55) व उसकी पत्नी द्वारका बाई (50) व बेटे श्याम उर्फ कुंदन (24) का समावेश है. विशेष उल्लेखनीय है कि, मां-बाप सहित बेटे को किसी मामले में एक साथ फांसी की सजा सुनाये जाने का यह संभवत: अपनी तरह का पहला मामला है.
जानकारी के मुताबिक द्वारकाबाई तेलगोटे का अपने सगे भाई धनराज सुखदेव चहाटे व बाबूराव सुखदेव चहाटे के साथ मायके की संपत्ति रहने वाली खेती के हिस्से को लेकर विवाद चल रहा था. 28 जून 2015 को मालपुरा परिसर स्थित विवाद की जड रहने वाले खेत में द्वारकाबाई तेलगोटे कपास की बुआई करने के लिए पहुंची. जहां पर उसका अपने दोनों भाईयों सहित धनराज चहाटे के बेटे शुभम व गौरव के साथ झगडा हुआ. इस समय द्वारकाबाई ने अपने पति हरिभाउ व बेटे श्याम उर्फ कुंदन को फोन करते हुए मौके पर बुलाया. जिसके बाद तीनों आरोपियों ने चाकू व कुल्हाडी जैसे धारदार हाथियारों से चहाटे परिवार के चारों सदस्यों पर प्राणघातक हमला करते हुए उन्हें मौत के घाट उतार दिया. जिसके बाद हिवरखेड पुलिस ने मामले की जांच करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और मामले की चार्जशीट अकोट सत्र अदालत में पेश की. जहां पर मामले की सुनवाई के बाद 17 मई 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए अकोट के सत्र न्यायालय ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी. चूंकि फौजदारी प्रक्रिया संहिता की धारा 366 के अनुसार सेशन कोर्ट द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को अमल करने हेतु उस पर उच्च न्यायालय की मुहर लगना अनिवार्य है. जिसके चलते राज्य सरकार ने यह मामला हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल किया. वहीं दूसरी ओर तीनों आरोपियों ने भी खुद को सुनाई गई सजा और सेशन्स कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की है. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से भेजे गये मामले व आरोपियों की ओर से दायर अपील पर अब हाईकोर्ट द्वारा आगामी सोमवार 14 अक्तूबर से अंतिम सुनवाई करनी शुरु की जाएगी. जिसकी ओर हिवरखेड व अकोट परिसर सहित समूचे अकोला जिले की निगाहे लगी हुई है.