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अंतत: धनंजय मुंडे ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

अपने दो सहयोगियों के जरिए इस्तीफा भेजा सीएम के पास

* सीएम फडणवीस ने मुंडे का इस्तीफा किया स्वीकार
* अगली कार्रवाई के लिए इस्तीफा भेजा गया राज्यपाल के पास
* संतोष देशमुख हत्याकांड ने मुंडे के नजदीकी कराड का नाम आया था सामने
* विपक्ष ने मुंडे के इस्तीफे को लेकर बनाया था जबरदस्त दबाव
* सदन का कामकाज नहीं चलने देने की दी थी चेतावनी
मुंबई /दि. 4- बीड जिला अंतर्गत मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का अपहरण कर निर्मम हत्या किए जाने के मामले को लेकर विवादों में फंसे राज्य के अन्न व नागरी आपूर्ति तथा ग्राहक संरक्षण मंत्री धनंजय मुंडे ने आखिरकार आज अपने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया है. धनंजय मुंडे ने अपने दो सहयोगियों के जरिए अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास भेजा. जिसे सीएम फडणवीस ने तुरंत ही स्वीकार करते हुए आगे की कार्रवाई के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया. बता दें कि, विपक्ष ने धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग को लेकर सरकार को जमकर घेरते हुए चेतावनी दी थी कि, यदि मुंडे का इस्तीफा नहीं लिया गया तो विपक्ष द्वारा बजट सत्र के दौरान विधान मंडल की कार्रवाई को चलने नहीं दिया जाएगा. ऐसे में विपक्ष की ओर से लगातार बढते दबाव को देखते हुए आखिरकार धनंजय मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और धनंजय मुंडे के सहायक रहनेवाले प्रशांत भांबरे व प्रशांत जोशी इस्तीफे वाला पत्र लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सागर बंगले पर पहुंचे.
ज्ञात रहे कि, 9 दिसंबर 2024 को मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का अपहरण करते हुए उनकी निर्ममतापूर्वक हत्या की गई थी. आवादा कंपनी से मांगी गई फिरौती के मामले को लेकर यह हत्या होने और इस हत्याकांड मंत्री धनंजय मुंडे के बेहद नजदीकी रहनेवाले वाल्मिक कराड के मुख्य सूत्रधार रहने का आरोप लगा था. शुरुआती दौर में बीड पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज करने के लेकर जांच करने में काफी हद तक टालमटोल की थी, लेकिन इस मामले को लेकर पूरे राज्य में जबरदस्त रोष पैदा होते ही सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संतोष देशमुख हत्याकांड की जांच करने हेतु एसआईटी नियुक्त करने का आदेश जारी किया था. पश्चात सीआईडी व एसआईटी ने संयुक्त रुप से इस मामले की जांच की थी, तो इस मामले में वाल्मिक कराड और उसके साथिदारों का सहभाग पाया गया था. जिसके चलते सीआईडी ने वाल्मिक कराड व उसके साथिदारों को गिरफ्तार करते हुए उनके खिलाफ मकोका अंतर्गत कार्रवाई की थी. साथ ही हाल ही में आरोपियों के खिलाफ अदालत के समक्ष 1500 पन्नों का आरोपपत्र भी प्रस्तुत किया गया. जिसमें वाल्मिक कराड को ही इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी बताया गया.
जानकारी के मुताबिक बीड जिले में वाल्मिक कराड को धनंजय मुंडे का ‘राईट हैंड’ माना जाता है. धनंजय मुंडे के चुनाव प्रचार व्यवस्थापन के साथ ही मुंडे की अनुपस्थिति में बीड जिले के कामकाज की जिम्मेदारी वाल्मिक कराड के कंधो पर ही हुआ करती थी. वाल्मिक कराड ने पवनचक्की निर्मिती करनेवाली आवादा कंपनी से दो करोड रुपए की फिरौती मांगी थी. जिसे लेकर कंपनी प्रशासन व वाल्मिक कराड के बीच विवाद चल रहा था. इसी विवाद के चलते वाल्मिक कराड के कुछ सहयोगी आवादा कंपनी में पहुंचे थे और उन्होंने मस्साजोग गांव निवासी सुरक्षा रक्षक के साथ मारपीट की थी. जिसकी वजह से मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख कुछ गाववासियों को साथ लेकर आवादा कंपनी में पहुंचे थे और उन्होंने कराड के लोगों के साथ मारपीट की थी. यह घटना 6 दिसंबर 2024 को घटित हुई थी. जिसका गुस्सा मन में रखते हुए वाल्मिक कराड के कहने पर उसके साथिदारों ने 9 दिसंबर को संतोष देशमुख का अपहरण कर उसकी निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी. संतोष देशमुख हत्याकांड के फोटो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए. जिसके बाद समूचे राज्य में तीव्र संताप की लहर उमडी और वाल्मिक कराड को राजनीतिक वरदहस्त देनेवाले मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग जोर पकडने लगी. जिसके बाद आखिरकार लगातार बढते दबाव के सामने झुकते हुए धनंजय मुंडे ने आज सुबह अपने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धनंजय मुंडे का इस्तीफा स्वीकार कर उन्हें कार्यमुक्त करने के साथ ही उनके त्यागपत्र को राज्यपाल के पास अगली कार्रवाई हेतु भेज दिया है.

 

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