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जालना में आज गोलीबारी, लाठीचार्ज, पत्थरबाजी, आगजनी व तोडफोड

फिर धधकी मराठा आरक्षण की आग

* गत रोज हुए लाठीचार्ज को लेकर आज दिखी तीव्र प्रतिक्रिया
* अंतरवाली सराटी से भडकी चिंगारी की लपटें जालना सहित अन्य जिलों में भी पहुंची
* राकांपा प्रमुख पवार सहित कई वरिष्ठ नेताओं का काफीला जालना जिले में
* लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई की मांग ने पकडा जोर
* सरकार ने राजनीतिक तूल नहीं देने का किया आवाहन
जालना/दि.2 – गत रोज जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस द्बारा किए गए लाठीचार्ज के खिलाफ आज जालना सहित राज्य के कई हिस्सों से बेहद संतप्त प्रतिक्रिया दिखाई दी है. जिसका सबसे अधिक असर जालना शहर सहित जिले में भी दिखाई दिया है. जालना के अंबड चौक पर आज मराठा आंदोलनकारियों तथा पुलिस के बीच आमने-सामने की तिखी झडपवाली स्थिति बनी. जिसके तहत जहां एक ओर पुलिस ने उग्र प्रदर्शन पर उतारु भीड को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करने के साथ ही आसु गैस के गोले दागे और हवा में गोलियां भी चलाई. वहीं दूसरी ओर संतप्त आंदोलकारियों ने पुलिस पर जोरदार पत्थरबाजी करने के साथ शहर के कई इलाकों में तोडफोड करते हुए कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इसके साथ ही इस आंदोलन का वृत्त संकलन व छायांकन कर रहे कई पत्रकारों को भी उग्र भीड के गुस्से का निशाना बनना पडा. ऐसे में जालना के अधिकांश इलाकों में कानून व व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक अनियंत्रित होती दिखाई दी. वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले की जानकारी मिलते ही मुंबई में इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार तुरंत ही जालना के लिए रवाना हुए और उन्होंने अंतरवाली सराटी गांव को भेंट दी. जहां पर छत्रपति उदयनराजे भोसले पहले ही पहुंच चुके थे. वहीं छत्रपति संभाजी राजे भोसले ने आज जालना जिले का दौरा करते हुए आंदोलनकारियों से मुलाकात की. इन सभी नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले, राज्य के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार तथा शिवसेना उबाठा के उद्धव ठाकरे व संजय राउत ने मराठा आंदोलनकारियों पर किए गए बल प्रयोग के लिए राज्य सरकार के साथ ही गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर जमकर निशाना साधा. वहीं डेप्यूटी सीएम फडणवीस एवं उनके समकक्ष अजित पवार ने आवाहन किया कि, इस मुद्दे को लेकर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए और किसी भी राजनीतिक दल ने मराठा आरक्षण की आड लेकर अपने हितों को साधने का प्रयास नहीं करना चाहिए. दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने मराठा समाज को आश्वस्त किया कि, मराठा आरक्षण को लेकर सरकार की भूमिका बेहद सकारात्मक है. अत: मराठा समाज ने स्वयं से काम लेना चाहिए.

* मराठा संगठनों ने बुलाई आपात बैठक, कई इलाकों में बंद का ऐलान
महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज के बाद वबाल बढ़ता दिख रहा है. लाठीचार्ज को लेकर मराठा संगठनों ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए आपात बैठक बुलाई है. साथ ही राज्य के कई हिस्सों में बंद का ऐलान किया गया है. जालना के टेंभुर्णी इलाके में दुकानें बंद हैं. बीड, लातूर, धाराशिव और परभणी में आज बंद का ऐलान किया गया है. मुंबई और नासिक में मराठा संगठनों ने आपात बैठक बुलाई. वहीं, कोल्हापूर में भी मराठा संगठन के नेता इकठ्ठा होने वाले हैं. इसके अलावा जालना हिंसा को लेकर धुले-सोलापुर हाईवे पर चलने वाली बस सर्विस को रद्द कर दिया गया है. एसटी कमिटी ने बस सर्विस को अस्थाई रूप से रद्द करने का फैसला किया है.

* दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई की जाएगी : अजित पवार
मराठा आंदोलनकारियों के समर्थन में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि लाठीचार्ज करनेवाले दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई की जाएगी. मराठा आंदोलनकारियों को शांति बनाए रखने की अपील की. अजित पवार ने कहा, मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग उचित है. इस मांग के लिए राज्य में कही भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन करते हैं. मराठा आरक्षण की लड़ाई को सड़कों और अदालतों में समान ताकत से लड़ने में हम सभी की भूमिका है. उसके लिए हम सभी की एकता एवं सामूहिक प्रयास आवश्यक है. आंदोलन की सफलता इसी पर निर्भर करती है. मैं प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि इस मामले में पुलिस की भूमिका की गहन एवं निष्पक्ष जांच होगी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मराठा प्रदर्शनकारियों और राज्य के नागरिकों से अनुरोध है कि वे यह सुनिश्चित करें कि राज्य में स्थिति खराब न हो, शांति और कानून-व्यवस्था बरकरार रहे.

* राज्य का गृह मंत्रालय जिम्मेदार है : शरद पवार
वहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार ने जालना की घटना के लिए गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह विभाग को दोषी ठहराया है. उन्होंने ट्वीट किया, महाराष्ट्र में इस वक्त सिर्फ और सिर्फ तानाशाही चल रही है. राज्य सरकार और गृह विभाग को राज्य में शांति बनाए रखने का काम सौंपा गया है, लेकिन गृह मंत्रालय के प्रशासकों ने मराठा प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया है. ये बहुत परेशान करने वाली बात है. जालना में हुई इस अमानवीय घटना के लिए राज्य का गृह मंत्रालय जिम्मेदार है और मैं सार्वजनिक रूप से इस घटना की निंदा करता हूं.

* लातूर में सड़क पर टायर जलाकर लाठीचार्ज का विरोध
इससे पहले लातूर में सड़क पर टायर जलाकर लाठीचार्ज पर विरोध दर्ज किया गया. मराठा क्रांति मोर्चा की ओर से लातूर जहीराबाद हाईवे पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस मार्ग पर कुछ समय के लिए यातायात बाधित हो गया. सड़क के दोनों किनारे बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया गया. इस स्थान पर मराठा समुदाय के आंदोलनकारी युवाओं ने सड़क पर टायर जलाकर नारेबाजी की और यातायात अवरुद्ध कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही लातूर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची.

* जालना हिंसा में 45 पुलिसकर्मी हुए घायल
बता दें महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया. प्रदर्शन आंदोलनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच संघर्ष में तब्दील हो गया. पुलिस ने मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. इस लाठी चार्ज के बाद कई लोग और पुलिसकर्मी घायल हो गए. घटना में 45 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए, जिनमें से 17 महिला पुलिसकर्मी हैं. पुलिस के मुताबिक, इस घटना में घायल लोगों की संख्या 20 से ज्यादा हो सकती है. पुलिस ने इस मामले में गोंदी पुलिस स्टेशन में 200 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 323,353,332,147 और 149 के तहत मामला दर्ज किया है.

* गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे फडणवीस – वडेट्टीवार
वहीं इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के प्रतिपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने पूरी घटना की निष्पक्ष जांच व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए इस घटना को गृह विभाग की असफलता बताया. साथ ही गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि, राज्य सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने की मानसिकता नहीं रखती.

* शिवाजी का नाम लेकर यह कौनसा सुराज्य – संभाजी राजे
वहीं आज दोपहर जालना पहुंचे छत्रपति संभाजी राजे ने मराठा आंदोलकों पर किए गए लाठीचार्ज और फायरिंग का विरोध करते हुए कहा कि, छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेकर महाराष्ट्र की सत्ता संभाल रहे लोग यह किस तरह का सुराज्य चला रहे है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, यदि राज्य सरकार मराठों पर गोली चलाना चाहती है, तो पहली गोली छत्रपति संभाजी राजे पर चलाई जाए, क्योंकि हम अपने अधिकारों के लिए जान देने के लिए भी तैयार है.

* बहती गंगा में हाथ धोने का काम मत करों – फडणवीस
उधर राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं द्बारा दिए जा रहे बयानों को जमकर आडे हाथ लेते हुए कहा कि, मराठा आरक्षण का मुद्दा कोई राजनीतिक विषय नहीं है. अत: राजनीतिक दलों ने बहती गंगा में हाथ धोने का काम नहीं करना चाहिए. बल्कि सभी पक्षों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आपसी समन्वय के साथ इस मुद्दें पर आगे बढना चाहिए. डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने यह भी कहा कि, मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सरकार अपनी ओर पूरी तरह से प्रयासरत है. लेकिन इसके बावजूद एक व्यक्ति को अनशन पर जबर्दस्ती बिठाया गया और जब उस व्यक्ति की तबीयत बिगडी, तो उसे अस्पताल ले जाने हेतु गांव में पहुंची पुलिस पर हमला किया गया. इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती.

* हिंदुद्बेषी सरकार का निषेध – उद्धव ठाकरे
शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार द्बारा ऐन गणेशोत्सव के दौरान बुलाए गए विशेष अधिवेशन में अध्यादेश जारी करते हुए मराठा व धनगर समाज को आरक्षण दिए जाने की मांग की. साथ ही ऐन गणेशोत्सव के दौरान विशेष अधिवेशन बुलाने वाली राज्य सरकार को हिंदुद्बेषी सरकार बताते हुए राज्य की शिंदे की सरकार का निषेध किया.

* ‘इंडिया’ की बैठक से ध्यान भटकाने किया लाठीचार्ज – पटोले
कल मुंबई में ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक थी. जिसमें सांसद राहुल गांधी का भाषण हुआ और रैली आयोजित थी. जिसे देखकर भाजपा नेताओं के पैरों तले से जमीन खीसकने लगी है. ऐसे में इस बैठक की ओर से देश का ध्यान भटकाने हेतु मराठा समाज के आंदोलन पर लाठीचार्ज किया गया. इस आशय का सनसनीखेज आरोप कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले द्बारा लगाया गया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, अब राज्य सरकार द्बारा ओबीसी व मराठा समाज में दरार पैदा करने के लिए नया कानून लाया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने यह मांग भी उठाई कि, लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की बजाय लाठीचार्ज करने का आदेश देने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई की जाए.

* पुलिस पर आंदोलन के बीच लाठीचार्ज का आरोप
पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच हुई झडप में घायल हुए लोगों का इलाज करने वाले एक डॉक्टर ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए बताया कि, उनके पास 30 से 40 लोग फर्स्ट एड के लिए आए थे. कुछ लोगों के जिस्म से लोहे के छर्रे भी डॉक्टर ने निकाले हैं और फर्स्ट एड करके इन्हें छोड़ दिया गया है. वहीं कई घायलों ने बताया है कि वह मराठा समाज को आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने आंदोलन के दौरान ही लाठी चार्ज कर दिया, जिसमें कई पुरुष-महिलाओं के साथ-साथ बच्चे और बुजुर्ग भी घायल होने की बात सामने आई है.

* 38 पुलिसकर्मी हुए घायल
जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया, जिसमें 38 पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए. पुलिस ने अंबाड तहसील के धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने हवा में कुछ राउंड फायरिंग की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की.

* प्रदर्शनकारी को अस्पताल में भर्ती कराने पर बिगड़ा माहौल
बता दें कि, मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि समस्या तब शुरू हुई जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की है. जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शांति की अपील की और घोषणा की कि ’हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने दावा किया कि पथराव के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

* सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था मराठा आरक्षण
राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण को पहले सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को आंदोलन हिंसक हो गया क्योंकि कुछ लोगों ने राज्य परिवहन की बसों और निजी वाहनों को निशाना बनाया. जहां फड़णवीस ने घायल पुलिसकर्मियों की संख्या 12 बताई, वहीं जालना जिले के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने देर रात कहा कि पथराव में 32 पुलिसकर्मी और छह अधिकारी घायल हो गए. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को गंभीर चोटें आईं, उनका जालना सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि घायलों में दो पुलिस उपाधीक्षक और पांच महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं.

* जलाए गए पुलिस वाहन, पुलिस स्टेशन को लगाई गई आग
पुलिस अधीक्षक ने कहा, चंदनजीरा पुलिस स्टेशन के वाहन को आग लगा दी गई. पुलिसकर्मियों के निजी वाहन भी जला दिए गए। प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार, पंद्रह राज्य परिवहन बसों को आग लगा दी गई. उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक कंपनी और आसपास के जिलों के पुलिस कर्मियों को क्षेत्र में तैनात किया गया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि लाठीचार्ज में कम से कम 20 प्रदर्शनकारी घायल हो गए.

* सीएम शिंदे ने की शांति की अपील
अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों से बात की थी और उनसे भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया. गुरुवार को, अंबाद तहसील के वाडिगोदरी गांव में दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सप्ताह की शुरुआत में शाहगढ़ में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था. मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी को भी हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समुदाय को आरक्षण देने के लिए कुछ कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फड़णवीस के कार्यकाल के दौरान, राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया. उन्होंने कहा, मैं इस पर राजनीति नहीं करना चाहता क्योंकि इसका उचित तरीके से पालन नहीं किया गया. हालांकि, राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और अगर कोई सुझाव आएगा तो हम उसका स्वागत करेंगे. मैं प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं ताकि आम लोगों को परेशानी न हो. शिंदे ने घोषणा की कि हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी.

* मराठा आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करें सरकार – चव्हाण
कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मांग की कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, अंतरवाली सारथी गांव में पुलिस द्वारा किया गया लाठीचार्ज अस्वीकार्य है. चव्हाण ने कहा कि, शिवसेना-भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि वह समुदाय को आरक्षण देने के लिए क्या कदम उठाने जा रही है.

* किसके आदेश पर हुआ लाठीचार्ज – दानवे
शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने भी पुलिस द्वारा बल प्रयोग की निंदा की और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस से यह बताने की मांग की कि किसके आदेश पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

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