* हाईकोर्ट का सरकार और पुलिस को बडा झटका
नागपुर/ दि. 5- नक्सलवादियों से संबंधित प्रकरण के जीएन साईबाबा मुकदमे का फैसला आ गया है. न्या. रोहित देव की खंडपीठ ने जीएन साईबाबा और चार अन्य आरोपी प्रशांत राही, हेम मिश्रा, महेश तिरकी व विजय तिरकी सभी को बरी करने का हुक्म सुनाया. गडचिरोली सत्र न्यायालय ने 7 मार्च 2017 को विजय तिरकी को 10 वर्ष और अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिसके विरोध में आरोपियों ने उच्च न्यायालय में अर्जी दी थी. हाईकोर्ट का ताजा फैसला राज्य सरकार और पुलिस बल के लिए बडा झटका माना जा रहा है.
* प्रशांत राही अमरावती जेल में
आरोपी प्रा. जी.एन. साईबाबा नागपुर जेल में बंद है. वहीं एक आरोपी प्रशांत राही अमरावती कारागार में होने की जानकारी है. राही की खानपान और दवाई का विषय चर्चित हुआ था. उसकी बेटी ने नागपुर खंडपीठ में अर्जी दी थी. जिसके बाद खंडपीठ ने अमरावती जेल अधिकारियों को राही की दवा पानी की व्यवस्था के निर्देश दिए थे.
* पांडू नरोटे की मृत्यु
बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में साई बाबा द्बारा दाखिल अपील पर जस्टिस राहुल देव ने निर्णय सुनाया. सत्र न्यायालय से सजा पाए आरोपियों को बरी कर दिया. उपरोक्त आरोपिेयों का एक साथीदार पांडू नरोटे भी था. पांडू की 25 अगस्त 2022 को बीमारी के कारण मृत्यु हो गई.
* सबूतों से सिध्द नहीं हुआ नक्सली संबंध
जस्टिस देव ने अपने फैसले में कहा कि गैर कानूनी कृत्य प्रतिबंधक कानून यूएपीए की धाराएं आरोपियों पर लगाई गई. यह कार्रवाई नियमानुसार नहीं हैं. आरोपियों के ठिकानों से सबूत एकत्र करते समय भी नियमों का पालन नहीं होने की बात न्यायालय ने कही. अभियोजन पक्ष द्बारा प्रस्तुत सबूतों से आरोपियों का नक्सलियों से संबंध सिध्द नहीं होने की बात निर्णय में कही गई. कोर्ट ने पांचों आरोपियों को बरी किया.
* 99 प्रतिशत दिव्यांग साई बाबा
54 वर्षीय साईबाबा 99 प्रतिशत दिव्यांग हैं और व्हीलचेयर का सहारा लेकर चलता हैं. फिलहाल नागपुर जेल में बंद हैं. गडचिरोली सत्र न्यायालय ने उसे नक्सलियों से संबंध रखने और देश विरूध्द युध्द घोषित करने जैसी कार्रवाई में दोषी पाया था. सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ साईबाबा और अन्य ने हाईकोर्ट की सीढियां चढी.