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पूर्व मंत्री सुनील केदार नहीं लड सकेंगे विधानसभा का चुनाव

हाईकोर्ट ने राहत देने से किया इंकार

नागपुर/दि.4- देश में लोकसभा चुनाव के खत्म होते ही अब राज्य में विधानसभा चुनाव की हवाएं बहने लग गई है तथा आगामी अक्तूबर-नवंबर माह के दौरान राज्य में विधानसभा चुनाव होने की संभावना जतायी जा रही है. परंतु पूर्व मंत्री सुनील केदार की विधानसभा चुनाव लडने की इच्छा फिलहाल पूरी होती दिखाई नहीं दे रही. क्योंकि मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने सुनील केदार की दोषसिद्धि पर स्थगिति देने से इंकार कर दिया है. गुरुवार की सुबह न्या. उर्मिला जोशी फालके की खंडपीठ द्वारा दिये गये इस निर्णय के चलते केदार द्वारा विधानसभ चुनाव लडने की राह बंद हो गई है.
बता दें कि, नागपुर जिला मध्यवर्तीे सहकारी बैंक में हुए घोटाला मामले में सजा सुनाए गये पूर्व मंत्री सुनील केदार ने आगामी विधानसभा चुनाव लडने का अवसर मिलने हेतु उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई. जिसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ था. ज्ञात रहे कि, इस घोटाला मामले में दोषी पाये जाने के चलते अदालत ने सुनील केदार सहित 6 आरोपियों को 5 वर्ष के सश्रम कारावास और 12 लाख 50 हजार रुपयों का दंड लगाया गया था. पश्चात सभी आरोपियों ने जमानत हेतु आवेदन किया था. साथ ही सुनील केदार ने सत्र न्यायालय में जमानत सहित सजा की स्थगिति के लिए आवेदन किया था. जिसे सत्र न्यायालय द्वारा खारिज कर दिये जाने के चलते सुनील केदार ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी और हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देना मंजूर किया था. इसके 5 माह बाद अब सुनील केदार ने सजा की स्थगिति हेतु आवेदन किया. परंतु इस बार हाईकोर्ट ने सुनील केदार को राहत देने से इंकार कर दिया.
ज्ञात रहे कि, अदालत द्वारा 5 वर्ष की सजा सुनाये जाने के चलते सुनील केदार की विधायकी रद्द हो गई है और अब वे नियमानुसार अगले 6 वर्षों तक कोई चुनाव भी नहीं लड सकते है. ऐसे में उन्होंने सजा को स्थगित किये जाने हेतु अपील की. यदि उनकी अपील स्वीकार हो जाती, तो उन्हें उनका विधायक पद वापिस मिल जाता और वे विधानसभा का चुनाव भी लड पाते. लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी. ऐसे में अब सुनील केदार के पास सुप्रीम कोर्ट में जाने का पर्याय उपलब्ध है.

* नागपुर ग्रामीण में है जबर्दस्त प्रभाव
उल्लेखनीय है कि, नागपुर ग्रामीण क्षेत्र में सुनील केदार का राजनीतिक प्रभाव काफी अधिक है. जिसका उदाहरण हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी दिखाई दिया. जब रामटेक संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी श्यामकुमार बर्वे ने शिवसेना प्रत्याशी राजू पारवे को पराजीत कर जीत हासिल कर कांग्रेस प्रत्याशी की जीत में सुनील केदार का भी काफी बडा योगदान रहा. जिसके चलते सुनील केदार के राजनीतिक प्रभाव की वजह से विधानसभा चुनाव में कोई नुकसान न हो, इस बात के मद्देनजर राज्य सरकार ने भी पूरी तैयारी कर रखी है कि, सुनील केदार आगामी विधानसभा चुनाव ही न लड पाये.

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