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पूर्व विधायक रमेश कुथे ने भाजपा छोडकर किया शिवसेना उबाठा में प्रवेश

शिवबंधन बांधने के बाद भाजपा को बनाया निशाना

मुंबई/दि.26 – पूर्व विधायक रमेश कुथे ने आखिरकार भारतीय जनता पार्टी को छोडकर शिवसेना उबाठा में प्रवेश कर लिया. ठाकरे गुट में प्रवेश करते ही रमेश कुथे ने भाजपा पर जोरदार टिप्पणी की है. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के वक्तव्य के कारण उन्होंने पार्टी छोडी. भाजपा ने बेवकुफ बनाया रहने की बात भी कुथे ने इस अवसर पर पत्रकारो से बातचीत करते हुए कही.
रमेश कुथे ने बताया कि, फरवरी 2024 में चंद्रशेखर बावनकुले नागपुर आए थे. तब उन्होंने कहा था कि, भाजपा में आने के लिए काफी लंबी लाईन लगी है. 100 लोग पार्टी में आएंगे और 5 लोग जाएंगे. इससे पार्टी को कोई फरक नहीं पडता. उसी दिन पता चला कि, भाजपा ने उन्हें बेवकुफ बनाया है. कुथे ने कहा कि, वह पहले शिवसेना में थे और अब फिर से एक बार शिवसेना में लौट आए है. 2019 में उन्होंने भाजपा से विधानसभा की उम्मीदवारी मांगी थी. लेकिन टिकट नहीं दिया गया. पश्चात उन्होंने जिला परिषद सभापति के लिए अपने बेटे का नाम सामने किया था. तब भी बेटे को उम्मीदवारी नहीं दी गई. पश्चात उनका बेटा निर्दलीय के रुप में चुनाव लडकर सभापति हुआ. इस बार भी भाजपा उन्हें उम्मीदवारी नहीं देनेवाली थी. इस कारण भाजपा में रहकर कोई उपयोग नहीं था, ऐसा भी रमेश कुथे ने कहा.

* बेटा निर्दलीय ही रहेगा
उद्धव ठाकरे से मैने विधानसभा की उम्मीदवारी मांगी है. वह मुझे टिकट देगे ऐसा शत-प्रतिशत मुझे विश्वास है. ऐसा कहते हुए रमेश कुथे ने यह भी बताया कि, उनका बेटा फिलहाल निर्दलीय ही रहेगा. गोंदिया के पूर्व विधायक रमेश कुथे ने आज मुंबई में शिवसेना उबाठा में प्रवेश कर घरवापसी की. कुथे 1995 और 1999 में शिवसेना की उम्मीदवारी पर विधानसभा चुनाव लडे थे. पश्चात 2004 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के गोपालदास अग्रवाल ने पराजित किया था. 2019 में कुथे ने शिवसेना छोडकर भाजपा में प्रवेश किया था. वे पिछले कुछ दिनों से राज्य के भाजपा नेताओं से नाराज थे. उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले से भी भेंट की थी. तब कांग्रेस में जाने की चर्चा थी. लेकिन अंत में उन्होंने शिवसेना ठाकरे गुट में घरवापसी का निर्णय लिया.

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