नागपुर /दि.5- राजस्थान की एक केमिकल कंपनी को अतिरिक्त डेटोनेटर्स बनाने की अनुमति देने के लिए 10 लाख की रिश्वत लेनेवाले पेट्रोलियम एण्ड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन के दो अधिकारियों को सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधक दल ने नागपुर में रंगेहाथ पकड लिया. उनके साथ रिश्वत देने वाले राजस्थान की कंपनी का संचालक और एक बाहर का व्यक्ति भी जाल में फंसा है. इस कार्रवाई के कारण ‘पेसो’ में खलबली मच गई है.
‘पेसो’ का देश का मुख्यालय नागपुर में है. यहां मुख्य नियंंत्रक सहित उपमुख्यनियंत्रक दर्जे के अधिकारी रहते हैं. इस कार्यालय से देशभर के विस्फोटक निर्माण करने वाली कंपनियों को अनुमति दी जाती है और कंपनी के उत्पादन पर भी ध्यान रखा जाता है. राजस्थान के चित्तोडगढ जिले की सुपर शिवशक्ति केमिकल प्रा.लि. कंपनी के संचालक देवीसिंह कछवाह की कंपनी को मार्च 2024 तक उनके डेटोनेटर्स उत्पादन की क्षमता 75 प्रतिशत तक इस्तेमाल करना था. इसके लिए आवश्यक रहने वाली अनुमति के लिए पेसो के उपमुख्य नियंत्रक अशोक दलेला व विवेक कुमार नामक दोनों अधिकारियों ने 10 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी. यह व्यवहार लक्ष्मीनगर के प्रियदर्शन दिनकर देशपांडे के माध्यम से होने वाला था. संबंधित कंपनी के लाइसेंस में बदलाव का काम भी देशपांडे के माध्यम से पैसे लेकर ही हुआ था.
* सवा दो करोड जब्त
सूत्रों ने दी जानकारी के मुताबिक सीबीआई के दल ने देशपांडे तथा पेसो के अधिकारियों के निवासस्थान की तलाशी ली. इसमें देशपांडे के घर से सवा करोड और एक अधिकारी के घर से 90 लाख रुपए जब्त किए गए. इसके अलावा रिश्वत की 10 लाख रुपए की रकम भी जब्त की गई है. सीबीआई के उपमहानिरीक्षक एम.एस. खान के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई की गई.
* देशपांडे रिश्वत के रैकेट का ‘पाईंट पर्सन’
पिछले कुछ साल से पेसो कार्यालय के दो अधिकारी विस्फोेटक निर्माण करने वाली कंपनियों को कार्रवाई का भय दिखाकर तथा विस्फोटक निर्मिती के लाइसेंस रद्द करने का भय दिखाकर लाखों रुपए रिश्वत ले रहे थे. इस बाबत नागपुर सीबीआई कार्यालय को जानकारी मिलने क बाद जांच की गई. जांच में प्रियदर्शन दिनकर देशपांडे का बडा हाथ रहने की बात सामने आई. उसके सेमिनरी हिल्स के पेसो कार्यालय के पास झेरॉक्स सेंटर है. वह देश के विस्फोटक निर्मिती करने वाले कंपनियों से संपर्क कर अधिकारियों के लिए रिश्वत के तौर पर पैसे इकट्ठा करता है.