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उमेद कर्मचारियों के संघर्ष को पूरा समर्थन : विधायक ठाकुर

आजाद मैदान पर आंदोलनकारियों का बढाया मनोबल

* कहा- लाखों कर्मचारियों की मांगे सही है
मुंबई/दि.11-उमेद यानी महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान के कर्मचारी और अस्थायी कर्मचारियों की विविध मांगे मंजूूर करने के लिए कर्मचारियों की ओर से आजाद मैदान में आंदोलन किया जा रहा है. इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए सांसद बलवंत वानखडे और पूर्व मंत्री एड.यशोमति ठाकुर ने कहा कि, उमेद के इन लाखों कर्मचारियों की मांगे उचित है. और न केवल मुंबई बल्कि पूरे राज्य में इन कर्मचारियों द्वारा बहुत अच्छा काम हो रहा है. अमरावती जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र भी इन कर्मचारियों की ओर से काफी मेहनत की जा रही है और उनका काम जिम्मेदारीपूर्ण और उत्कृष्ट है. ठाकुर ने कहा कि उनकी सभी मांगों को हमारा पूरा समर्थन है और हम इस लडार्ई में उनके साथ हैं. इस मौके पर विधायक सुभाष धोटे और बडी संख्या में उमेद की महिला कार्यकर्ता मौजूद थी.
अभियान के जरिए महाराष्ट्र के 84 लाख ग्रामीण परिवारों यानी 4.2 करोड से ज्यादा लोगों को गरीबों के जीवन से गरीबी खत्म करने का सपना दिखाया गया. इसके लिए ठेका तत्व के आधार पर 2,773 कर्मचारी और लगभग 60,000 समुदाय संसाधन व्यक्ति अल्प वेतन पर दिनरात काम कर रहे हैं. अब तक 7 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), 31000 ग्राम संघ, 1980 प्रभाग संघ, 12000 उत्पादक समूह, 450 महिला किसान उत्पादक समूह बनाए जा चुके हैं. अब तक, अभियान के माध्यम से सामुदायिक स्तर के संगठनों को 3550 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष सामुदायिक निधि और रुपये का ऋण वितरित किया गया है. हालांकि, शासन स्तर से प्राप्त निर्णय और विभिन्न बैठकों में अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि यह अभियान 2026 को बंद कर दिया जाएगा. तो हम सभी 84 लाख परिवार के पदाधिकारियों, सभी सदस्यों, महिला समुदाय संसाधन व्यक्ति केडर, कंत्राटी अधिकारी कर्मचारियों के मन में दिखाए गए सपनों को लेकर आगे क्या होगा? ऐसी शंका है कि उक्त संस्था ध्वस्त न हो जाये और हम सब के सामने धरा रह जाने का प्रश्न खड़ा हो गया है और भय का वातावरण निर्मित हो गया है.
* क्या हैं मांगें?
उमेद-महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान को ग्रामविकास और पंचायत राज विभाग में सरकार के एक नियमित विभाग के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए, जिसके तहत कार्यरत कंत्राटी अधिकारियों और कर्मचारियों और समुदाय संसाधन व्यक्तियों को सरकार के समकक्ष पदों पर स्थायी सेवा में शामिल किया जाना चाहिए, प्रभाग संघ स्तरीय केडर कृषि व्यवस्थापक, पशु व्यवस्थापक, मत्स्य व्यवस्थापक, एवं प्रभाग संघ व्यवस्थापकों को उमेद अभियान में अन्य संवर्गों की भांति वेतन वृद्धि दी जाए एवं वर्धिनी को भी पूर्णकालिक कार्य दिया जाए. सामुदायिक स्तर के संस्थाओं को सक्षम करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए, उमेद-महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान को ग्राम विकास और पंचायत राज विभाग के भीतर सरकार के एक नियमित विभाग के रूप में स्थापित करने के लिए मान्यता दी जानी चाहिए.
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