15 जुलाई को एक मंच पर होंगे गडकरी और पवार
राजनीतिक क्षेत्र में उत्कंठा का माहौल

नागपुर/दि.12– राज्य में हुए राजनीतिक घमासान और सत्ता परिवर्तन के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया शरद पवार तथा केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी आगामी शुक्रवार को पहली बार एकसाथ एक मंच पर रहेंगे. जिसकी ओर अब सभी की निगाहें टीकी हुई है.
बता दें कि, आगामी शुक्रवार को कृषि विकास प्रतिष्ठान का डॉ. सी. डी. मायी कृषि विशेषज्ञ पुरस्कार केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी की अध्यक्षता में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री व राकांपा प्रमुख शरद पवार के हाथों वरिष्ठ पत्रकार व कृषि अभ्यासक डॉ. सुधीर भोंगले को प्रदान किया जायेगा. शुक्रवार की शाम 5 बजे डॉ. वसंतराव देशपांडे सभागार में आयोजीत होने जा रहे इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्रीद्वय डॉ. नितीन राउत व सुनील केदार तथा श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख बतौर प्रमुख अतिथि उपस्थित रहेंगे.
उल्लेखनीय है कि, राज्यसभा चुनाव के समय से राज्य में बडी तेजी के साथ राजनीतिक उलटफेर होने की शुरूआत हुई और जमकर मचे राजनीतिक घमासान की वजह से महाविकास आघाडी की सरकार गिर गई और शिंदे व फडणवीस की नई सरकार अस्तित्व में आयी. लेकिन कृषि विकास प्रतिष्ठान का यह पुरस्कार वितरण समारोह इन तमाम घटनाओें के काफी पहले तय हो गया था और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने नागपुर दौरे के लिए अपने दो दिन दिये थे. चूंकि पार्टी अध्यक्ष शरद पवार दो दिन के लिए नागपुर आ रहे है. इस बात के मद्देनजर पार्टी की शहर ईकाई द्वारा उनकी अगुवानी कि जोरदार तैयारियां की गई और शनिवार को नागपुर में पार्टी का सम्मेलन भी आयोजीत किया गया. लेकिन अब पता चला है कि, शरद पवार के दौरे में कुछ बदलाव हुआ है और संभवत: वे कृषि प्रतिष्ठान कार्यक्रम के तुरंत बाद वापिस भी चले जायेंगे. यदि वे शुक्रवार की रात नागपुर में रूकते भी है, तो शनिवार को तडके उनकी नागपुर से मुंबई हेतु वापसी होगी. ऐसे में शनिवार को नागपुर में राकांपा पदाधिकारियों का सम्मेलन नहीं हो पायेगा.
राज्य में महाविकास आघाडी सरकार के पतन और शिंदे-फडणवीस सरकार के गठन पश्चात राकांपा सुप्रीमो शरद पवार का यह पहला ही विदर्भ दौरा है. राज्य में राजनीतिक घमासान मचने से पहले ही पवार का दौरा निश्चित हो गया था. ऐसे में राकांपा कार्यकर्ताओं में उनके इस दौरे को लेकर काफी उत्साह था. लेकिन अब राजनीतिक हालात पूरी तरह से बदल गये है. यद्यपि इससे पहले भी शरद पवार और नितीन गडकरी अनेकोें बार एक मंच पर आ चुके है और दोनों ही नेताओं की रूचि कृषि क्षेत्र में है. लेकिन अब राज्य की बदली हुई राजनीतिक स्थिति और राष्ट्रपति पद के चुनावी की पृष्ठभुमि को देखते हुए दोनों ही नेता की एक ही मंच पर आकर क्या राजनीतिक संदेश देते है, अब इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई है.