* जव्हेरी बाजार में भी होगी रौनक
मुंबई./दि.15- गणेशोत्सव पर बाजार हावी होता नजर आ रहा है. विज्ञापनों के साथ कार्पोरेट कंपनियां भी उत्सव में शामिल हो गई है. जिससे पूरा त्यौहार कार्पोरेट हो गया है. मुंबई में उत्सव दौरान 12 अरब रुपए का कारोबार होने की संभावना जानकारों ने व्यक्त की है. इसीलिए सार्वजनिक मंडलों में आपसी प्रतिस्पर्धा तीव्र हो गई है. राजा, महाराजा, सम्राट, मन्नत पूर्ण करने वाला बाप्पा आदि के दर्शनार्थियों की कतारें बढ़ रही है. अधिकांश पंडालों का काम चतुर्थी से चार दिन पहले ही पूर्ण हो गया है. विशाल मूर्तियां भी विराजमान कर दी गई है. उधर जव्हेरी बाजार बारौनक हो गया है. करोड़ों के व्यवहार हो रहे हैं.
* 12 हजार मंडल
मुंबई शहर और उपनगर में छोेटे-बड़े मंडलों की संख्या 12 हजार से अधिक है. एक मंडल का उत्सव दौरान खर्च 10 लाख रुपए रहने की संभावना जानकारों ने व्यक्त की. दस दिनों में आर्थिक लेन देन की रकम देखे तो पूरे मुंबई में अरबों रुपए का कारोबार होता है.
* कार्पोरेट उत्सव अच्छा ही
मंडलों ने मार्केट इकॉनॉमी को अपनाया है तो, इसमें कोई गलत नहीं. उत्सव के समय ग्राहक का मूड़ अलग होता है. जेब में पैसे होते हैं. गणेशोत्सव कार्पोरेट हो जाना उद्यमी जयराज सालगावकर अच्छा ही मानते हैं. उन्होंने कहा कि खरीदी-बिक्री बढ़ती है. लोगों को रोजगार मिलता है. गणेशोत्सव का स्वरुप अब बदल गया है.
* 2 हजार करोड़ का बिजनेस
मुंबई ज्वेलर असो. के अध्यक्ष कुमार जैन ने बताया कि दक्षिण मुंबई के जव्हेरी बाजार में अभी से रौनक आ गई है. एक दिन में 200 करोड़ का लेन देन होता है. दस दिनों में आंकड़ा 2 हजार करोड़ तक हो जाता है.