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प्रेमिका ने दूसरे से विवाह किया यह प्रेमी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करना नहीं हेै

उच्च न्यायालय का फैसला : विवादित एफआईआर रद्द

नागपुर/ दि.10– मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने एक मुकदमे में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के अपराध पर फैसला सुनाया. प्रेमिका ने दूसरे व्यक्ति के साथ विवाह किया, इसलिए उसके खिलाफ प्रेमी को आत्महत्या के लिए पे्ररित करने का अपराध दर्ज नहीं किया जा सकता, ऐसा फैसले में स्पष्ट किया. इसी तरह प्रेमिका के खिलाफ विवादित एफआईआर रद्द की गई.
न्यायमूर्तिव्दय सुनील शुक्रे व गोंविद सानप की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया. बुलढाणा जिले के विवाहित जीवन का पीडित युवती मनीषा के साथ विवाह बाह्य संबंध था. उस समय मनीषा अविवाहित थी. जीवन का पत्नी के साथ विवाद शुरु था. उसकी तलाक नहीं हुई थी. इस वजह से वह मनीषा के साथ विवाह करने में असमर्थ था. मनीषा ने उसका मन हटाने का कई बार प्रयास किया, मगर वह आगे बढाई नहीं. जिसके चलते मनीषा ने जीवन से संबंध तोडकर दूसरे के साथ विवाह कर लिया. जिसके बाद जीवन ने आत्महत्या कर ली. जीवन की मां ने इसके लिए मनीषा को दोषी बताते हुए पुलिस थाने में शिकायत भी दी. जिसके आधार पर 7 मई 2021 को मनीषा के खिलाफ जीवन को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का अपराध दर्ज किया गया.

… तो मनीषा पर अन्याय होगा
विवादीत एफआईआर कायम रखा तो मनीषा पर अन्याय होगा, ऐसा अदालत ने फैसला सुनाते समय व्यक्त किया. जीवन पत्नी के साथ विवाद के कारण पहले ही मानसिक तनाव में था. मनीषा ने दूसरे व्यक्ति के साथ विवाह किया. इससे तकलीफ बढ गई, यह घटना वह बर्दाश्त नहीं कर पाया, ऐसा जीवन की मां का आरोप था. अदालत ने इसके लिए मनीषा को दोषी करार नहीं दिया जा सकता. मनीषा विवाह करने के लिए तेैयार थी, मगर जीवन ने उसका साथ नहीं दिया, जीवन आत्महत्या करे, ऐसा कोई भी कृत्य मनीषा ने नहीं किया, उसने इसके लिए कोई षडयंत्र भी नहीं रचा, इस वजह से मनीषा के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं किया जा सकता. इस ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया.

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