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सीमा विवाद हल करने सरकार बचनबद्ध

राज्यपाल के अभिभाषण में कर्नाटक सीमा विवाद का स्पष्ट उल्लेख

* राज्य विधान मंडल का बजट सत्र हुआ शुरु
* अभिभाषण में औद्योगिक विकास पर रहा पूरा जोर
मुंबई /दि. 3- आज से राज्य विधान मंडल का बजट सत्र शुरु हुआ है. जिसका प्रारंभ राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन के अभिभाषण से हुआ और राज्यपाल राधाकृष्णन ने अपने बजट अभिभाषण में स्पष्ट तौर पर महाराष्ट्र व कर्नाटक के बीच चल रहे सीमा विवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि, इस विवाद को हल करने हेतु महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने हेतु विशेषज्ञों वकिलों की नियुक्ति की गई है. साथ ही साथ सरकार द्वारा दोनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहनेवाले मराठी भाषिकों हेतु शैक्षणिक, वैद्यकीय व अन्य कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है.
अपने अभिभाषण में महाराष्ट्र के सभी महान नेताओं व समाज सुधारकों के उच्च आदर्शों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि, इस समय विदेशी निवेशकों के लिए महाराष्ट्र राज्य पहली पसंद है तथा देश के सबसे अधिक अग्रेसर औद्योगिक राज्य रहनेवाले महाराष्ट्र का देश की सकल आय में 14 फीसद से अधिक योगदान है. महाराष्ट्र सरकार ने जनवरी 2025 में स्वीर्झलैंड के दावोस में हुई वैश्विक आर्थिक परिषद में 63 राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ करीब 15 लाख 72 हजार करोड रुपयों के सामंजस्य करार पर हस्ताक्षर किए. जिसके चलते राज्य में रोजगार के 15 लाख से अधिक अवसर निर्माण होंगे. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने, औद्योगिक विकास को गति देने तथा रोजगार के अवसर निर्माण करने हेतु राज्य के विविध उद्योगों को करीब 5 हजार करोड रुपयों का निवेश प्रोत्साहन अनुदान वितरित करने की योजना बनाई है. इसके अलावा औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहन देने हेतु महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल के मार्फत करीब 3500 एकड औद्योगिक भूखंड वितरित करने का निर्णय लिया है. साथ ही औद्योगिक जमिनों की मांग को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक प्रयोजन के लिए 10 हजार एकड जमीन को अधिसूचित करने का निर्णय भी सरकार द्वारा लिया गया. इन सबके साथ ही औद्योगिकीकरण को गतिमान करने एवं आपूर्ति श्रृंखला की कार्यक्षमता सुधारने तथा वैश्विक स्तर की व्यवसाय परिसंस्था का निर्माण करने हेतु 10 एकात्मिक औद्योगिक केंद्र व एकात्मिक मालढुलाई केंद्र विकसीत करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है.
अपने पूरे अभिभाषण में महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास पर जोर देने के साथ ही राज्यपाल राधाकृष्णन ने राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न कार्यों एवं मुद्दों का भी उल्लेख किया. जिनमें नागपुर-गोवा शक्तिपीठ द्रूतगति मार्ग, मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना, रेशम कोश खरीदी व विक्री, रोजगार सम्मेलन, पीए ई-बस सेवा योजना, नगरोत्थान महाअभियान, मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना, प्रधानमंत्री कुसुम योजना, पीएम आवास योजना, डोंगरी क्षेत्र विकास कार्यक्रम, गादमुक्त बांध व गादयुक्त शिवार योजना, पीएम कृषि सिंचाई योजना जैसे विविध मुद्दों का समावेश रहा.

* 6585 करोड रुपयों की पुरक मांगे पेश
आज से शुरु हुए राज्य विधान मंडल के बजट अधिवेशन में विविध मुद्दों पर चर्चा की जानी है. साथ ही विपक्ष द्वारा आक्रामक भूमिका अपनाते हुए सत्ताधारी दल को कैची में पकडने का पूरा प्रयास किया जाएगा. इस अधिवेशन में आगामी 10 मार्च को राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजित पवार द्वारा बजट पेश किया जाएगा. जिससे पहले आज अधिवेशन के पहले दिन करीब 6586 करोड रुपयों के पूरक मांगो के प्रस्ताव पेश किए गए. जिसमें से 931 करोड रुपयों की मांगे अनिवार्य है. वहीं 3133 करोड रुपयों की मांगे केंद्र पुरस्कृत योजनाओं के लिए है. यद्यपि बजट सत्र में 6586 करोड रुपयों की पूरक मांगे रखी गई है परंतु इनका निव्वल भार 4245 करोड रुपयों का है.

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