मसाले में ईटीओ केमिकल्स पर सरकार अंकुश लगाने की तैयारी में
निर्यातदारो को किसी भी स्तर पर रसायन का इस्तेमाल करते नहीं आएगा
मुंबई/दि. 11 – भारत से निर्यात होनेवाले उत्पादनो में कार्सिनोजेनिक केमिकल इथिलीन ऑक्साईड (ईटीओ) का इस्तेमाल रोकने के लिए मसाला बोर्ड ने निर्यातदारो को मार्गदर्शक सूचना जारी की है. कुछ उत्पादनबाबत कुछ देशो ने हाल ही में जब्त की गुणवत्ता की चिंता की पृष्ठभूमि पर आवश्यक कदम उठाए गए है.
मार्गदर्शक तत्वो के मुताबिक निर्यातदारो द्वारा मसालो में ईटीओ केमिकल का इस्तेमाल टालने, साथ ही यातायात, गोदाम, पैकेजिंग मटेरियल आपूर्ति करनेवाले किसी भी स्तर पर इस रसायन का इस्तेमाल न करनेबाबत सावधानी रखे. आपूर्ति श्रृंखला के मसाले, मसाला उत्पादनो में ईटीओ और उसका मेटाबोलाइट न रहने की बात सुनिश्चित करने के लिए निर्यातदारो को आवश्यक उपाययोजना करनी पडेगी.
* ऐसी परिस्थिति क्यों निर्माण हुई?
हाँगकाँग और सिंगापुर द्वारा विख्यात मसाला ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट की बिक्री पर पाबंदी लगाने के बाद यह सूचना जारी की गई है. उनके उत्पादनो में कार्सिनोजेनिक केमिकल इथिलीन ऑक्साईड (ईटीओ) पाए जाने के बाद यह उत्पादन स्टोअर से वापस मंगवाए गए.
* किस मसालो पर है पाबंदी
हाँगकाँग के अन्न सुरक्षा केंद्र ने ग्राहको को एमडीएच का मद्रास करी पावडर, एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांबार मिश्रीत मसाला पावडर और एमडीएच करी पावडर मिश्रीत मसाला पावडर खरीदी न करने और व्यापारियों बिक्री न करने कहा था. 2023-24 के वित्तीय वर्ष में भारत का मसाले का निर्यात 4.25 अब्ज डॉलर्स था. जो विश्व मसाला निर्यात का 12 प्रतिशत है.
* निर्यात पर परिणाम होने का डर
इस समस्या की तरफ तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. महत्व के बाजारपेठ में 70 करोड डॉलर का निर्यात खतरे में आ गया है. अनेक देश की नियामक कार्रवाई के कारण मसालो के निर्यात में भारी नुकसान हो सकता है. भारत द्वारा गुणवत्ता का प्रश्न तत्काल और पारदर्शकता से हल करने की आवश्यकता है. ऐसा मसालेबाबत उपस्थित हो रहे प्रश्नो की पृष्ठभूमि पर आर्थिक संशोधन संस्था ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने एक रिपोर्ट में कहा है.