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मैं झुक जाता, तो 3 साल पहले ही गिर जाती मविआ सरकार

भाजपा में आने या जेल जाने को लेकर मिली थी सीधी धमकी

* राकांपा नेता व पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पत्रवार्ता में दोहराया आरोप
* बोले- फडणवीस के खास समित कदम लेकर आते थे झूठे एफीडेविट का संदेश
मुंबई/दि.29 – राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार रहते समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री आदित्य पवार व अनिल परब पर झुठे आरोप लगाने हेतु भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुझ पर दबाव डाला था और फडणवीस ने उनके बेहद खासमखास रहने वाले समित कदम को पत्र लेकर भेजा था. उस पत्र में साफ लिखा था कि, मविआ की सरकार में शामिल 4 लोगों पर आरोप लगाने हेतु हलफनामों पर दस्तखत करों या जेल जाने के लिए तैयार रहो. इस आशय का आरोप राकांपा नेता व राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने आज पत्रकार परिषद में लगाया.
बता दें कि, इससे पहले इसी तरह का दावा अभा अनिसं के प्रा. श्याम मानव द्वारा किया गया था. जिसकी पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने पुष्टि की थी. वहीं अब राकांपा नेता अनिल देशमुख ने पत्रवार्ता लेते हुए उन तमाम आरोपों को दोहराया. इस पत्रवार्ता में अपने द्वारा लगाये गये आरोपों पर अटल रहते हुए पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के खासमखास रहने वाले समित कदम का नाम उजागर करने के साथ ही कहा कि, मिरज में रहने वोल समित कदम और देवेंद्र फडणवीस के बेहद पारिवारिक संबंध है तथा फडणवीस की पत्नी हर साल समित कदम को राखी बांधती है. साथ ही समित कदम को सरकार की ओर से वाय प्लस सुरक्षा भी दी गई है. उसी समित कदम को देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार रहते समय करीब 5 से 6 बार उनके घर पर भेजा था और समित कदम ने उन्हें एक लिफाफा सौपा था. जिसमें साफ तौर पर लिखा हुआ था कि, या कि वे भाजपा में आये या फिर जेल जाने के लिए तैयार रहे.
पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के मुताबिक भाजपा नेता फडणवीस ने उन्हें जेल में डालने की धमकी देते हुए भाजपा में लाने का असफल प्रयोग किया. वहीं दूसरा प्रयोग एकनाथ शिंदे व तीसरा प्रयोग अजीत पवार पर किया गया, जो सफल रहा. यदि उन पर किया गया पहला प्रयोग भी सफल हो जाता, तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली मविआ सरकार तीन साल पहले ही गिर गई होती. साथ ही यदि उन्होंने देवेंद्र फडणवीस व समित कदम के कहे अनुसार एफेडेविट बना दिये होते, तो उद्धव ठाकरे काफी मुश्किलों में आ जाते और आदित्य ठाकरे को झूठे आरोपों के तहत जेल में डाल दिया गया होता. परंतु वे बिल्कुल भी दबाव में नहीं आये और उन्होंने झूठे आरोप लगाने व फर्जी हलफनामा देने से इंकार कर दिया. जिसके चलते उनके पीछे ईडी व सीबीआई को लगाते हुए उन्हें जेल में भी डाला गया. अनिल देशमुख ने यह दावा भी किया कि, फडणवीस की ओर से भेजे गये व्यक्ति द्वारा दिया गया लिफाफा और तमाम सबूत आज भी उनके पास है और वे सही समय आने पर सबूतों को सबके सामने रखेंगे.
वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए समित कदम ने आगे जाकर दावा किया है कि, वे कभी भी खुद होकर अनिल देशमुख से मिलने नहीं गये थे, बल्कि खुद अनिल देशमुख ने ही उन्हें मिलने के लिए बुलाया था. हालांकि समित कदम ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि, अनिल देशमुख ने उन्हें मिलने हेतु क्यों बुलाया था तथा मुलाकात के दौरान उनकी अनिल देशमुख से क्या बात हुई थी. ऐसे में अब इस मुद्दे को लेकर राज्य का राजनीतिक वातावरण जमकर तपा हुआ है.

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