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साजिश भी हो सकता है हाथरस हादसा

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताई आशंका

* हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे मामले की जांच
* योगी ने दोषियों को कडी सजा दिलाने का किया ऐलान
* सत्संग के बाद भगदड में 122 लोगों की हुई है मौत
* हादसे के बाद मौके से भाग निकले थे सेवादार
* सत्संगी बाबा भी हुआ अंडरग्राउंड, तलाश जारी
* पुलिस की एफआईआर में बाबा का नाम ही नहीं शामिल
* यूपी में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का दौर भी हुआ शुरु
लखनउ /दि.3- यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हुई है. 4 जिलों हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा में रातभर शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ. परिजन अपनों की लाश को लेकर इधर-उधर भटकते रहे. प्रशासन ने अब तक 121 मौत की पुष्टि की है. हादसा मंगलवार दोपहर 1 बजे फुलरई गांव में हुआ. बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे सीएम योगी आदित्यनाथ भी हाथरस पहुंच गए हैं. जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की. घटनास्थल गए. अफसरों से पूरे हादसे की जानकारी ली. जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए आशंका जतायी कि, यह हादसा साजिश जैसा है. लोग मरते गए. सेवादार वहां से भाग गए. उन्होंने न तो प्रशासन को सूचना दी और न ही मदद की और ली. प्रशासन की टीम जब पहुंची तो सेवादारों ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया. हमने भी कुंभ जैसे बड़े आयोजन किए, लेकिन ऐसी चीजें नहीं आईं. सीएम योगी ने यह भी कहा कि, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. हाईकोर्ट के रिटायर जज, पुलिस के सीनियर रिटायर ऑफिसर की टीम भी मामले की जांच करेगी, जो भी दोषी होगा, उसको सजा देंगे.
सीएम योगी के मुताबिक प्रशासन प्रथम दृष्ट्या मानकर चलता है कि धार्मिक आयोजन में सेवादार अंदर की जिम्मेदारी निभाएंगे. सावधानी के लिए प्रशासन अपनी फोर्स तैनात करता है. अंदर व्यवस्था का संचालन और देखरेख सेवादार करते हैं. जहां धार्मिक भावनाओं से लोग आते हैं, तब भीड़ अनुशासित रहती है. लेकिन जब यही कार्यक्रम निहित स्वार्थी तत्वों के हाथों का खिलौना बन जाता है, तब अनुशासनहीनता का कारण बनता है. इसका शिकार वो निर्दोष व्यक्ति होता है, जो धार्मिक श्रृद्धा के साथ वहां आता है. सीएम योगी ने यह भी कहा कि, हादसे के बाद साजिश करने वाले लोग चुपचाप खिसक लेते हैं. जबकि होना यह चाहिए था कि अगर हादसा था तो सेवादारों को लोगों को हॉस्पिटल पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी. हादसे में लोग मरते गए. सेवादार वहां से भाग गए. लेकिन उन्होंने न तो प्रशासन को सूचना दी और न ही मदद की और ली. हम भी बड़े आयोजन करते रहे हैं, लेकिन ऐसी चीजें नहीं आईं.
* सपा सांसद अखिलेश पर भी योगी ने साधा निशाना
– कहा- कुछ लोग दर्दनाक घटनाओं में भी राजनीति तलाश रहे
इसके साथ ही सीएम योगी ने अखिलेश का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है कि इस प्रकार के दुखद और दर्दनाक घटनाओं में भी वो राजनीति ढूंढते हैं. ऐसे लोगों की फितरत है कि चोरी भी और सीनाजोरी भी करते हैं. सभी जानते हैं कि उनके संबंध किससे हैं और उनकी फोटो किसके साथ है. योगी ने बताया कि, हमारे तीन मंत्री यहां कैंप कर रहे हैं. मुख्य सचिव और पुलिस अधिकारी भी हैं. पूरी घटना की जिम्मेदारी तय करने और जवाबदेही तय करने की कार्रवाई की जा रही है. जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी. न्यायिक कार्रवाई के निर्देश भी आज शासन जारी कर देगा.
* हादसे को लेकर प्रशासन की पहली रिपोर्ट आयी सामने
– इलाहाबाद हाईकोर्ट सहित सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल
हाथरस हादसे में प्रशासन की पहली रिपोर्ट सामने आई. इसमें कहा गया है कि हादसा भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से हुआ. बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की. इससे भगदड़ मच गई. इधर, प्रयागराज के वकील गौरव द्विवेदी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करके हादसे की एसआईटी जांच की मांग की है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल तिवारी ने एक पीआईएल दाखिल की. इसमें रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 5 विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर जांच की मांग की गई है.
* एफआईआर हुई दर्ज, बाबा का नाम ही नहीं शामिल
– हादसे के बाद सत्संगी बाबा हुआ अंडरग्राउंड, तलाश जारी
उधर मंगलवार देर रात हादसे में 22 लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने के दरोगा ने एफआईआर दर्ज कराई. जिसमें आरोपी के तौर पर सत्संग के मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम शामिल है. वहीं बाकी सभी आरोपी अज्ञात हैं. सबसे अधिक चौंकाने वाली बात है कि इसमें मुख्य आरोपी भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का नाम ही नहीं है. वहीं हादसे के बाद से बाबा अंडरग्राउंड हो गया. पुलिस रातभर उसकी तलाश में छापेमारी करती रही. मैनपुरी में बाबा के आश्रम में पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला. मैनपुरी में आश्रम के बाहर पुलिस तैनात है.
* सेवादारों की धक्कामुक्की के चलते मची भगदड, हुआ हादसा
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा निकले, तो बाबा की चरण रज लेने के लिए महिलाएं टूट पड़ीं. भीड़ हटाने के लिए वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन का उपयोग किया. बचने के लिए भीड़ इधर-उधर भागने लगी और भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ने लगे. जिसकी वजह से पैरों के नीचे कुचले जाने के चलते 122 लोगों ने दम तोड दिया. जिनमें महिलाओं की संख्या सबसे अधिक रही. साथ ही इस हादसे में हजारों लोग घायल भी हुए.
* 80 हजार की परमिशन, पहुंचे गए ढाई लाख
एफआईआर के मुताबिक, प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंच गए थे. भगदड़ हुई तो सेवादार गेट पर खड़े हो गए. उन्होंने लोगों को रोक दिया. इसके बाद भीड़ खेतों में तरफ भीड़ मुड़ गई और नीचे बैठे और झुके श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई. प्रशासन और सेवादार खड़े हुए देखते रहे.
* सेवादार बोले- पब्लिक रोकने के बाद भी नहीं रुकी
उधर सत्संग में तैनात सेवादारों का कहना रहा कि, पब्लिक रोकने के बाद भी नहीं रुकी. लोग गिर पड़े. उन्हें बचाने की हर कोशिश की. सत्संग में कम से कम 3-4 लाख लोग थे. हम लोग सेवा करते हैं. जैसे कोई सिर पर पल्लू डालकर नहीं बैठी, तो उसके सिर को ढकते हैं. सत्संग में बताते हैं कि दारू मत पियो, झूठ मत बोलो.
* महिला पुलिस सिपाही ने सुनाया अपना प्रत्यक्ष अनुभव
– बोली- मैं गिर गई, लोग कुचलते निकल गए
भगदड के चलते हुए हादसे में घायल एक महिला सिपाही ने अपना प्रत्यक्ष अनुभव बताते हुए कहा कि, वह प्रवचन समाप्त होते ही भीड़ बाहर की तरफ निकली. अचानक महिलाएं और बच्चे भीड़ में दब गए. मैंने कई महिलाओं को उठाए. इसी बीच लोग दौड़ते हुए आए. इसमें मैं गिर गई. लोग मेरे ऊपर से निकल गए. फिर बेहोश हो गई. होश आया तो हास्पिटल में थी.
* कौन है सत्संग करवाने वाला भोले बाबा
भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है. वह एटा का रहने वाला है. करीब 25 साल से सत्संग कर रहा है. पश्चिमी णझ के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी अनुयायी हैं.

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