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छात्रावास भोजन के टेंंडर में भारी हेराफेरी

अधिकारियों की मनमानी, ठेकेदारों से मिलीभगत

* टेंडर में अधिक कीमत भरने पर भी दिया ठेका
* प्रकल्प अधिकारी ने फिर से टेंडर कराने का दिया आश्वासन
धारणी/ दि.10– धारणी प्रकल्प कार्यालय अंतर्गत छात्रावास में रहने वाले बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने का ठेका दिया जाता है. पिछले 15 वर्षों से कम दाम में भोजन उपलब्ध करा रहे ठेकेदार को ठेका न देते हुए अधिकारियों ने मिलीभगत कर ज्यादा कीमत का टेंडर भरने के बाद भी उन ठेकेदारों को ठेका दिया गया. इस बारे में पूर्व ठेकेदार नासीर सौदागर, समाज सेवक सूरज मालवीय, दिनेश सोनोने, राजू यादव ने प्रकल्प अधिकारी से चर्चा की. इसपर उन्हें यह टेंडर फिर से लिये जाने का आश्वासन दिया.
जानकारी के अनुसार प्रकल्प कार्यालय व्दारा होस्टल में भोजन आपूर्ति करने का ठेका दिया जाता है. ठेकेदार होस्टल में विभिन्न तरह की सब्जिया, मटन, चिकन आदि सूची के अनुसार सामग्री उपलब्ध कराते है. इस बार भी प्रकल्प कार्यालय की ओर से इस कार्य के लिए टेंडर आमंत्रित किये गए थे. इससे पहले सामग्री उपलब्ध करा रहे ठेकेदार नासीर सौदागर ने 3500 की दर से टेंडर भरा. उनके साथ 11 लोगों ने टेंडर के फार्म भरे, परंतु प्रकल्प कार्यालय ने मिलीभगत कर 5 हजार से उपर टेंडर भरने वाले तीन लोगों को टेंडर दे दिया, जबकि कम दाम भरने वाले अन्य लोगों के टेंडर रद्द कर दिये. आरोप यह भी लगाया गया है कि यह सभी कामकाज आपसी मिलीभगत से हो रहा है. इतना ही नहीं तो टेंडर का विज्ञापन भी अखबारों में प्रकाशित नहीं किया. इस बारे में उन्होंने प्रकल्प अधिकारी कार्यालय व अन्य संबंधित विभाग से शिकायत की है. चर्चा करने पर प्रकल्प अधिकारी ने फिर से टेंडर लेने का आश्वासन दिया है. इस भ्रष्ट प्रणाली में क्या कदम उठाए जाते है, इस ओर सभी का ध्यान लगा है.

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