अन्य शहरमहाराष्ट्रमुख्य समाचारविदर्भ

विदर्भ के 160 बाघों की मौत से हाईकोर्ट गुस्सा

वन प्रशासन को कठोर कदमों के निर्देश

* सुओमोटो जनहित याचिका
* एड. वोडीतेल कोर्ट मित्र नियुक्त
नागपुर/ दि. 21- देश में गत 5 वर्षो में 628 बाघों की मौत को लेकर बंबई उच्च न्यायालय बुरी तरह गुस्सा हो गई है. इनमें भी 25 प्रतिशत बाघों की मृत्यु विदर्भ में होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने जंगल प्रशासन को कडे कदम उठाने के निर्देश दिए है. उसी प्रकार एड. सुूधीर वोडीतेल को कोर्ट का मित्र नियुक्त कर प्रशासन की कार्यवाही की निगरानी करने कहा है. इससे पहले कोर्ट में बताया गया कि मेलघाट बाघ प्रकल्प सहित विदर्भ में बीते 5 वर्षो में 160 बाघों की विविध कारणों से मृत्यु हुई है. जबकि पुलिस और जंगल प्रशासन लगातार शिकारियों को दबोचने का भी दावा कर रहा है.
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में न्या. नितिन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी ने सुओमोटो जनहित याचिका दायर करते हुए सुनवाई की. गुरूवार को इस मामले में कोर्ट ने जंगलों में अवैध खनन पर भी आपत्ति जताई. अधिकारियों से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है. अगली सुनवाई जल्द लेेने का आदेश देते हुए प्रशासन को रिपोर्ट पेश करने कहा गया है. कोर्ट ने चेतावनी दी कि उसके आदेशों का पालन न करने पर वह इस बारे में कठोर निर्देश जारी कर सकती है.
इससे पहले खंडपीठ के सामने जंगल महकमे ने बाघों की मौत के बारे में विस्तृत रिपोर्ट रखी.् जिसमें स्पष्ट है कि दर्जनों बाघों की मौत करंट लगने से हुई है. वहीं कुछ बाघों का शिकार हुआ है. मेघालय के शिकारी की मदद से कई गिरोह बाघों को मारकर उनके अवयव विदेशों में बेचने का घिनौना काम कर रहे हैं. जिसके कारण बाघों की संख्या बढने की जगह कम हो रही है. कोर्ट में विदर्भ के पांच बाघ प्रकल्पों का गत 5 वर्षो का ब्यौरा दिया गया. जिसमें अधिकांश मृत्यु दुर्घटना और बाघों की आपसी लडाई में भी होने का दावा किया गया.
उल्लेखनीय है कि गत दिसंबर माह में उमरेड कर्‍हांडला व्याघ्र प्रकल्प में पर्यटन के लिए बाघो को अडाया गया था. इसकी दखल लेकर न्यायालय ने इस संबंध में स्वयं ही जनहित याचिका दर्ज कर ली. एड. सुधीर तेल वोडीतेल की न्यायालयीन मित्र के रूप में नियुक्ति की है. गुरूवार को इस मामले में न्यायमूर्तिद्बय नितिन सांबरे व वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई.

Back to top button