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हाईकोर्ट ने निराधार पाया विवाहिता के आरोप को

दहेज प्रताडना के मामले को किया खारिज

* अमरीका निवासी देवर को मिली राहत
नागपुर/दि.7– अमरावती निवासी विवाहिता द्वारा दहेज को लेकर प्रताडित किये जाने सहित अन्य आरोप निराधार पाये जाने के चलते मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने इस महिला के अमरीका निवासी देवर सहित सास के खिलाफ दर्ज एफआईआर व इससे संबंधित मुकदमे को खारिज करने का आदेेश जारी किया है. न्या. विनय देशपांडे व न्या. अमीत बोरकर की खंडपीठ द्वारा सुनाये गये फैसले से अमरीका निवासी देवर सहित उसके परिवार को राहत मिली है.
बता दें कि, इस महिला का 16 नवंबर 2016 को अमरावती निवासी व्यक्ति से विवाह हुआ था, लेकिन आये दिन होनेवाले झगडों से परेशान होकर यह महिला अपने मायके चली गई तथा उसने 20 दिसंबर 2017 को पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करते हुए अपने पति, देवर व सास के खिलाफ दहेज के लिए प्रताडित करने, अपमानित करने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया. पश्चात पुलिस ने मामले में अपनी जांच पूरी करते हुए प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी की अदालत में चार्जशीट पेश की. जहां मामले की सुनवाई जारी है. वहीं इस बीच इस मामले में नामजद किये गये अमरीका निवासी देवर व सास ने अपने खिलाफ एफआईआर व मुकदमे को रद्द करने हेतु उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी. जहां पर एड. राजेंद्र डागा ने उनकी ओर से पैरवी करते हुए अदालत को बताया कि, संबंधित विवाहित महिला द्वारा सभी आरोप उसके पति के खिलाफ लगाये गये है और देवर व सास पर लगाये गये आरोपों में कोई तथ्य नहीं है, क्योेंकि महिला का देवर अमरीका में रहता है और वह वहां से फोन पर अपने भाई को विवाहिता को प्रताडित करने के लिए उकसाता था. यह आरोप बिल्कुल भी विश्वसनीय नहीं है. इसी तरह सास के खिलाफ लगाये गये आरोप भी तथ्यहिन है. इन बातों के मद्देनजर हाईकोर्ट ने देवर व सास के खिलाफ दर्ज एफआईआर व मुकदमे को खारिज करने का फैसला सुनाया. ऐसे में अब केवल महिला के पति के खिलाफ ही मुकदमा चलेगा.

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