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13 बैंक अधिकारियों को हाईकोर्ट ने दी राहत

अदालती मुकदमे को लेकर जारी किया स्थगनादेश

* गाडगे नगर पुलिस के नाम नोटीस भी हुई जारी
नागपुर/दि.20 – बैंक ऑफ इंडिया के 13 अधिकारियों के खिलाफ अमरावती स्थित प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की अदालत में प्रलंबित रहने वाले मुकदमे को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अंतरिम स्थगनादेश जारी किया है. साथ ही गाडगे नगर पुलिस एवं उल्हास जोशी नामक कर्जदार के नाम नोटीस जारी करते हुए उन्हें आगामी 25 जून तक अपना जवाब पेश करने हेतु कहा है.
जानकारी के मुुताबिक उल्हास जोशी व अन्य कर्जदारों द्वारा कर्ज की अदायगी नहीं किये जाने के चलते बैंक ऑफ इंडिया ने 22 अप्रैल 2016 को गाडगे नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके चलते संबंधित कर्जदारों के खिलाफ विविध धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके जवाब में उल्हास जोशी ने प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की अदालत में मुकदमा दायर करते हुए बैंक के 13 अधिकारियों के खिलाफ भादंवि की धारा 468, 471, 420 व 120 (ब) के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी. अदालत ने इस मुकदमे की दखल लेते हुए 17 मार्च 2022 को संबंधित बैंक अधिकारियों के खिलाफ नोटीस जारी की थी. जिसके चलते बैंक अधिकारियों ने सत्र न्यायालय में रिवीजन पिटीशन दाखिल करने के साथ ही इस याचिका पर जलद सुनवाई होने हेतु आवेदन भी किया था. लेकिन अदालत ने 4 मई 2024 को बैंक अधिकारियों का आवेदन खारिज कर दिया. जिसके चलते सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी लक्ष्मीचंद खरोले ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. जिस पर न्या. महेंद्र चांदवाणी की एकल खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. सुनवाई पश्चात हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय में रिवीजन पिटीशन पर फैसला आने तक प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की अदालत में चल रहे मुकदमे को स्थगित रखने का आदेश जारी किया. इस मामले में सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी लक्ष्मीचंद खारोले की ओर से एड. अवधुत पुरोहित व एड. तुफेल शरीफ ने पैरवी की.

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