चिकित्सा महाविद्यालयों में प्राध्यापकों के कितने पद रिक्त
हाईकोर्ट का शासन से प्रश्न
* आचार संहिता का बहाना नहीं चलेगा
नागपुर/ दि. 18- विदर्भ के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयोें में प्राध्यापकों के कितने पद स्वीकृत किए गये हैं. कितने पद पर भर्ती हो चुकी है. इस संदर्भ में हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने शासन से अगले सप्ताह 24 अक्तूबर तक उत्तर मांगा है. न्या. अविनाश घरोटे और न्या. मुकुलिका जवलकर की खंडपीठ के सामने गुरूवार को सुनवाई हुई. तब खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया कि आचार संहिता का बहाना नहीं चलेगा. चिकित्सा सेवा में लापरवाही नहीं चलेगी. उसी प्रकार नागपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में 18 हजार पौधे लगाए जाने थे, उसका क्या हुआ. यह प्रश्न भी उच्च न्यायालय ने पूछा है.
कोर्ट के मित्र एड. अनूप गिल्डा ने अदालत को बताया कि प्रदेश में 8 नई जीएमसी शुरू की गई है. नये महाविद्यालयों में पढाने के लिए नागपुर मेडिकल कॉलेज से प्राध्यापक भेजे जा रहे हैं. जिससे नागपुर कॉलेज में प्राध्यापकों की संख्या कम हो रही है. कान्ट्रैक्ट बेस पर प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं की जा सकती. इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय ने शासन से उत्तर मांगा है.
जनहित याचिकाएं दायर
विदर्भ के अस्पतालों के विकास के बारे में उच्च न्यायालय ने सुओमोटो जनहित याचिकाएं दायर कर ली. शासन की ओर से एड. फिरदोस मिर्जा, एड. दीपक ठाकरे, एनएमआरडीए की ओर से एड. सुधीर पौराणिक ने पक्ष रखा.