* सबूत नष्ट करने के आरोप से किया गया बरी
नागपुर/दि.29 – जान से मार देने के लिए पत्नी ने भोजन में जहर मिला दिया है, ऐसा संदेह रहने के चलते एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर प्राणघातक हमला किया था. जिसे नागपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी. वाय. लाडेकर ने तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. वहीं सबूत नष्ट करने संबंधी आरोप से इस व्यक्ति को बाइज्जत बरी कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक मनीष नगर की कृषिनारा सोसायटी में रहन ेवाले पुरुषोत्तम नामदेवराव हिंगणेकर (68) को संदेह था कि, उसकी पत्नी पुष्पा हिंगणेकर उसे जान से मारने के लिए उसके भोजन मेें कोई जहरीला पदार्थ मिला रही है और उसे जान से मारने का प्रयास कर रही है. अपने इसी संदेह के चलते 28 मार्च 2019 को पुरुषोत्तम हिंगणेकर ने अपनी पत्नी के साथ झगडा करते हुए उसे जान से जान से मार देने के इरादे से उसके सिर पर हथौडी से हमला किया और इस घटना के बाद मौके से फरार हो गया. पश्चात हिंगणेकर दम्पति की बहू प्रीति सोनल हिंगणेकर (32) की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद जांच पूरी करते हुए अदालत में चार्जशीट पेश की गई. जहां पर न्या. लाडेकर की अदालत ने आरोपी पुरुषोत्तम हंगणेकर को भादंवि की धारा 307 के तहत दोषी पाते हुए तीन साल के सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए के जुर्माने तथा जुर्माना अदा नहीं करने पर एक माह के कारावास की सजा सुनाई. वहीं अदालत ने आरोपी को धारा 201 के तहत सबूत नष्ट करने के आरोप से दोषमुक्त किया.