पत्नी को बचाने की बजाय सो जाने वाले पति को 3 साल की जेल
शराबी पति से तंग जाकर पत्नी ने जलाया था खुद को
* ‘मरना है तो अभी मर’ कहकर पति सो गया था
बुलढाणा/दि.30 – शराबी पति द्वारा आये दिन की जाने वाली प्रताडना से तंग आकर एक विवाहिता ने खुद को जला लिया था. लेकिन उस समय उसे बचाने का प्रयास करने की बजाय ‘मरना है तो अभी मर’ कहकर उसका पति सो गया था. जिसे इस निष्कुरता के लिए अदालत ने 3 साल कैद की सजा सुनाई है. यह फैसला गुरुवार 29 अगस्त को बुलढाणा के प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश स्वप्निल खटी द्वारा सुनाया गया.
जानकारी के मुताबिक चिखली तहसील के किन्होला में रहने वाले अमोल वाघमारे का विवाह 7-8 वर्ष पहले अर्चना नामक युवती से हुआ था अमोल को शराब पीने की बुरी लत थी. जिसके चलते अर्चना से शराब पीने के लिए पैसों की मांग किया करता था और इंकार करने पर उसके साथ मारपीट भी करता था. इस प्रताडना से तंग आकर अर्चना कुछ समय पहले अपने मायके चली गई थी. लेकिन अपने दो छोटे बच्चों के भविष्य का विचार करते हुए एक बार फिर अपने पति के पास लौट आयी थी. जिसके बाद 26 जुलाई 2016 को दोपहर 2 बजे के आसपास अमोल वाघमारे शराब के नशे में धुत होकर अपने घर पहुंचा और अर्चना के मायके चली जाने की वजह को लेकर उसे झगडा करने के साथ ही उसकी बेदम पिटाई की. जिससे चिढकर अर्चना ने घर में रखा घासलेट खुद पर उढेल लिया और जलकर मर जाने की धमकी दी. इस समय अर्चना को रोकने की बजाय अमोल ने उसे कहा कि, ‘तुझे मरना है तो अभी के अभी मर’ और यह कहकर अमोल सो गया. जिसके बाद अर्चना ने खुदको जला लिया. जिसके चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपडोस में रहने वाले लोग अर्चना के घर में पहुंचे और उसके शरीर पर लगी आग को बुझाते हुए उसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पर रात 12 बजे के आसपास अर्चना ने दम तोड दिया. इस घटना को लेकर अर्चना के भाई द्वारा चिखली पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने अर्चना के पति अमोल वाघमारे के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया और जांच के बाद अदालत ने चार्जशीट पेश की. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से एड. सोनाली सावजी देशपांडे ने प्रभावी युक्तिवाद किया. जिसे ग्राह्य मानते हुए जिला व सत्र न्यायाधीश स्वप्निल खटी ने अमोल वाघमारे को 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 2 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपी को 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
विशेष उल्लेखनीय है कि, इस बहुचर्चित मुकदमे का फैसला सुनने हेतु मृतक अर्चना के परिजनों व किन्होेला गांव के नागरिकों सहित चिखली तहसील के विविध गांवों के नागरिक अदालत में उपस्थित थे.