मुंबई/दि.22 – राजकीय करियर खत्म करने की धमकी से छगन भुजबल डरने वाला नहीं. घर बैठ गया तो भी ओबीसी समाज हेतु सडक पर उतरकर संघर्ष करुंगा. वे जालना में लक्ष्मण हाके से मिलने यहां से रवाना होने के पूर्व मीडिया से बात कर रहे थे. भुजबल ने कहा कि, मंत्री पद का त्यागपत्र दे चुका हूं. विधायकी के बारे में न बताये. मेरा करियर आगे जाएगा, या नहीं इसका निर्णय मेरी पार्टी और जनता करेगी. जनता की अदालत सर्वश्रेष्ठ है. इन शब्दों में भुजबल ने मराठा आरक्षण आंदोलक मनोज जरांगे को करारा जवाब दिया. भुजबल ने कहा कि, राज्य सरकार लोगों की घरों की समस्या दूर कर रही है, किसानों के प्रश्न हल कर रही है, कर्जमाफी की योजना बना रही है, फीस माफ कर रही है, शहरों में विद्यार्थियों के लिए होस्टल उपलब्ध करवाये जा रहे हैं, जहां होस्टल नहीं है, वहां विद्यार्थियों को पैसे दिये जा रहे है, अब क्या दिक्कत है. भुजबल ने कहा कि, मराठा समाज पर अन्याय करें, ऐसा हम कहां कहते हैं. हम कह रहे है कि, उन्हें स्वतंत्र आरक्षण दें. उसी प्रकार सारथी संस्था के माध्यम से मराठा विद्यार्थियों को आज भी ओबीसी से अधिक सुविधाए मिल रही है. इसका भी हम विरोध नहीं कर रहे हैं. आप को और क्या चाहिए? यह प्रश्न भुजबल ने उठाया.