बच्चों ने खयाल नहीं रखा, तो गिफ्ट डीड रद्द कर सकते हैं माता-पिता
हाईकोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला

चेन्नई /दि.20- हस्तांतरण दस्तावेज में स्पष्ट उल्लेख नहीं रहने के बावजूद भी यदि बुजुर्गों की सही तरीके से देखभाल नहीं होती है, तो ऐसे बुजुर्ग नागरिक अपने बच्चों या नजदिकी रिश्तेदारों के नाम पर की गई गिफ्ट डीड या सैटलमेंट डीड को रद्द कर सकते है, ऐसा निर्णय मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया है. न्यायालय ने हाल ही में मृत एस. नागलक्ष्मी की बहू व बेटे की ओर से की गई अपील को खारिज कर दिया.
जानकारी के मुताबिक बुजुर्ग हो चुकी नागलक्ष्मी की ओर उसके बेटे व बहू ने अनदेखी की थी. जिसके चलते उसने नागपट्टीणम के आरडीओ से संपर्क साधा था. पश्चात आरडीओ ने सेटलमेंट डीड को रद्द कर दिया था. इसके खिलाफ नागलक्ष्मी के बेटे-बहू ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि, यदि बुजुर्गों की देखभाल करने में उनके बच्चे या रिश्तेदार असफल साबित होते तो बुजुर्ग नागरिकों के पास अपने द्वारा किए गए गिफ्ट अथवा सेटलमेंट डीड को रद्द करने हेतु न्यायाधीकरण से मदद मांगने का पर्याय भी है और इसका बुजुर्ग नागरिकों द्वारा प्रयोग भी किया जा सकता है.