औरंगाबाद/दि.२४- कोरोनारोधी वैक्सीनेशन मुहिम को तेज करने के लिए देश के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरुकता बढ़ाने के लिए सलमान खान जैसे बड़े स्टार से वैक्सीनेशन करवाने की अपील करवाई जा रही है. कई ठिकानों में कठोर नियमों का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है. औरंगाबाद जिलाधिकारी सुनील चव्हाण ने वैक्सीनेशन की मुहिम को रफ्तारा देने के लिए एक ‘हट के’ रास्ता चुना है. उन्होंने अपने जिले में ‘नो वैक्सीन, नो दारू’ का आदेश दिया है. यानी जिन शराबियों ने वैक्सीन नहीं ली है, अब से उन्हें दारू नहीं मिलेगी. जिलाधिकारी चव्हाण द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक शराब की सभी दुकानों, वाइन/बीयर शॉप, देशी दारू की दुकानें, FL3 धारक मद्य बिक्री के ठिकानों में कार्यरत सभी कर्मचारियों का वैक्सीनेशन कंप्लीट होना जरूरी है. यानी उन्होंने वैक्सीन की दोनों डोस ली हो, यह जरूरी है. इसके अलावा ग्राहकों के लिए भी इससे जुड़ा एक सख्त नियम है. वैक्सीन की कम से कम एक डोज ले चुके ग्राहकों को ही शराब बेची जा सकेगी, वरना घर लौटा दिया जाएगा.
वैक्सीनेशन नहीं करवाया तो पेट्रोल-डीजल भी नहीं मिलेगा
इसके अलावा अब से होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय, ढाबा और अन्य खाद्य सेवा देने वाले कर्मचारियों के लिए भी वैक्सीनेशन कंप्लीट होने की शर्त लगाई गई है. सिर्फ इतना ही नहीं, इसके बाद जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है, वे पेट्रोल-डीजल भी नहीं ले पाएंगे. जिलाधिकारी सुनील चव्हाण का दावा है कि इससे वैक्सीनेशन की मुहिम में रफ्तार आएगी.
फिलहाल महाराष्ट्र में वैक्सीनेशन की स्थिति
बता दें कि सबसे तेज वैक्सीनेशन के मामले में महाराष्ट्र देश में दूसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है. उत्तर प्रदेश में अब तक 15 करोड़ साढ़े 9 लाख के करीब लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है. महाराष्ट्र में अब तक 10 करोड़ साढ़े 81 लाख के करीब लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है. प्रति दिन सर्वाधिक वैक्सीनेशन के औसत के मामले में भी महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हर घर दस्तक’ कार्यक्रम के तहत अब वैक्सीनेशन की मुहिम को और तेज करने की कोशिश की जा रही है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने अब 11 से 18 साल के बच्चों के लिए पहली डोज और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बूस्टर डोज तेजी से देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है. क्योंकि स्कूल खुलने के 21 दिनों के भीतर 1100 से अधिक बच्चों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं. फिलहाल कोरोना संक्रमण कम है, कोरोना के मरीजों की तादाद कम होने से स्वास्थ्य विभाग पर दबाव थोड़ा कम हुआ है. इसलिए वैक्सीनेशन मुहिम के कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवाएं लेकर वैक्सीनेशन मुहिम की रफ्तार तेज की जा सकती है. इससे कोरोना की तीसरी लहर अगर आई तो उसके असर को कम से कम किया जा सके.