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सोयाबीन को दाम नहीं, तो भाजपा को वोट नहीं
पोले पर किसानों ने व्यक्त किया संताप
यवतमाल/दि. 3 – जिले में विगत दो दिनों से जारी रहनेवाली मूसलाधार बारिश के चलते जहां एक ओर आम जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हुआ है. वहीं इन दो दिनों के दौरान करीब 22 हजार हेक्टेअर क्षेत्र में कपास, सोयाबीन व तुअर जैसी खरीफ फसलों का नुकसान हुआ है. साथ ही कल सोमवार 2 सितंबर को किसानों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार रहनेवाला पोले का पर्व भी बारिश में ही बीता. ऐसे में कई स्थानों पर किसानों ने राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों की आलोचना करने के साथ ही अपना संताप भी व्यक्त किया. कुछ गांवों में तो किसानों ने अपने बैलों की पीठ पर सरकार विरोधी नारे लिखे थे. जिसके तहत सोयाबीन के दाम घटने को लेकर ‘सोयाबीन को दाम नहीं, तो भाजपा को वोट नहीं’ जैसे नारे भी लिखे दिखाई दिए.