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शांतता प्रस्थापित करने गौतम बुद्ध के विचार आत्मसात करें

एड. रविंद्र खोजरे का प्रतिपादन

परतवाडा/ दि.19-विद्यमान परिस्थिति में देश में शांतता प्रस्थापित करने के लिए भगवान गौतम बुद्ध के विचार आत्मसात करे, ऐसा प्रतिपादन एड. रविंद्र खोजरे ने व्यक्त किया. वे डॉ. बाबासाहब आंबेडकर छात्रालय व मातोश्री जयवंताबाई उच्च माध्यमिक शाला परवाडा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तथागत गौतम बुद्ध जयंती समारोह के उपलक्ष्य में बतौर प्रमुख अतिथि के रुप में बोल रहे थे.
एड. रविंद्र खोजरे ने आगे कहा कि, भगवान गौतम बुद्ध ने खुद को भगवान कहते हुए अपने आप को मार्गदर्शक कहा. उनके व्दारा दी गई शिक्षा से आज के स्फोटक वातावरण में शांति प्रस्थापित होगी ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजभूषण मधुकरराव अभ्यंकर ने की तथा प्रमुख अतिथि के रुप में एड. सुनील घाटोल, बहुजन नेता प्रा. उद्धव कविटकर, प्राचार्य गजानन वानखडे, सतीश पुंडकर, क्षितीज अभ्यंकर, कुणाल वानखडे, दिनेश मोहोड उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत में प्रा. शुभांगी ढपे व्दारा दी गई मूर्ति की स्थापना शालेय छात्रा के हस्ते की गई और मान्यवरों के हस्ते वंदन किया गया. उसके पश्चात सामूहिक बुद्ध वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की गई.
कार्यक्रम में जेष्ठ नेता समाजभूषण मधुकरराव अभ्यंकर व्दारा गरीब जरुरतमंदों की संकट काल में मदद की और संपूर्ण जीवन आंबेडकरी आंदोलन में लगा दिया. जिसमें उनकी78 वर्ष की समाजिक सेवा को देखते हुए स्थानीय भीमशक्ति युवक दल के कार्यकर्ता कुणाल वानखडे, अकलेश सेजव, अमितेश इंगले, नागसेन गुलधे, अभिजीत वानखडे, गौरव मनोहरे, रुपेश तायडे, गौरव कवड, उज्वल इंगले ने शाल श्रीफल प्रदान कर सत्कार किया.
कार्यक्रम का प्रास्ताविक मुख्याध्यापक गोपाल खडसे ने रखा तथा संचालन सागरसिंग चव्हाण ने किया और आभार सचिन पारे ने माना. इस समय दिनेश थोरात, रमेश कौतिककर, तुषार खैरकर, जीवन फसाटे, प्रमोद अभ्यंकर, भूषण देशमुख, नंदा हर्षे, अविनाश पवार, रेखा खांडेकर, करुणा पुंडकर, शुभांगी पवार, माणिक खांडेकर, ओमप्रकाश मसने, विकास फसाटे, गणेश खांडेकर, उद्धव पारवे, राजू हरणे, अंकुश बारब्दे, सागर बाहादुरे, राजकन्या देशावतार, दादाराव इंगोले, सुरेंद्र खंडारे, शीला तायडे, रजनी हरणे, गोरखनाथ पर्वतकर, बाला अवघड, राहुल दुर्धर आदि उपस्थित थे

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