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मुंबई में 130 आईपीएस अधिकारियों के घर पर 300 पुलिसकर्मी तैनात

सेवानिवृत्त सहा. पुलिस आयुक्त ने हाई कोर्ट में दायर की जनहित याचिका

* आईपीएस अधिकारियों के घर पर पुलिसकर्मियों की तैनाती पर रोक लगाने की मांग
मुंबई./दि.9- बॉम्बे हाई कोर्ट में आईपीएस अधिकारियों के घर पर पुलिसकर्मियों की तैनाती पर रोक लगाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर हुई है. याचिका में दावा किया गया है कि मुंबई में 130 आईपीएस अधिकारियों के घर पर बंगला सुरक्षा रक्षक के नाम पर 300 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. उनसे घरों पर काम कराया जाता है. इससे हर वर्ष सरकारी खजाने से 25 करोड़ रुपए खर्च होते है.
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त राजेंद्र त्रिवेदी ने जनहित याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता त्रिवेदी ने दावा किया है कि वर्ष 2020 से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मुंबई में आईपीएस अधिकारियों के घर पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानकारी निकाली गई है. केवल मुंबई में 130 आईपीएस अधिकारियों के घर पर बंगला सुरक्षा रक्षक के नाम पर 300 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. जबकि यदि पूरे महाराष्ट्र का देखेंगे तो यह आंकड़ा हजारों में होगा.
प्रदेश सरकार उन पर हर साल 100 करोड़ रुपए से अधिक करती है खर्च
राज्य सरकार ने वर्ष 1997 में एक शासनादेश निकाला था, जिसमें आईपीएस अधिकारियों के घर काम के लिए हाउस अर्दली की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई थी. अब बंगला सुरक्षा के नाम पर हर आईपीएस अधिकारियों के घर पर दो पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाती है. पुलिसकर्मी घर पर सब्जी लेने से लेकर स्कूल में बच्चे को छोड़ने तक सारे काम करते हैं. जबकि सरकार अधिकारियों कोघर पर चपरासी की नियुक्ति के लिए धनराशि देती है. याचिका में आईपीएस अधिकारियों के घरों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती पर रोक लगाने और अदालत की निगरानी में एसआईटी गठित कर इस मामले की जांच कराए जाने की मांग की गई है.

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