राज्य में जमकर हो रही आर्थिक जालसाजी की घटनाएं
सालभर में 2.19 लाख मामले दर्ज, 38872.14 करोड की रकम पर डाका
* सर्वाधिक मामले मुंबई में, पुणे दूसरे स्थान पर
* अमरावती में 2778 मामले, 223.59 करोड की जालसाजी
मुंबई /दि.3- विगत एक वर्ष के दौरान महाराष्ट्र में आर्थिक जालसाजी के कुल 2 लाख 19 हजार 47 मामले दर्ज किये गये तथा इन मामलो में जालसाजी की गई रकम 38,872 करोड 14 लाख रुपए के आसपास रही. ऐसे मामलों में देश की आर्थिक राजधानी रहने वाली मुंबई सबसे आगे रही. अकेले मुंबई में ही 12404 करोड 12 लाख रुपए की आर्थिक जालसाजी को लेकर 51 हजार 873 मामले दर्ज किये गये. इसके अलावा दूसरे स्थान पर रहने वाले पुणे में आर्थिक जालसाजी से संबंधित 22059 मामले दर्ज हुए तथा जालसाजी की रकम 4802 करोड के आसपास रही. जिसमें से 3219 करोड रुपए की जालसाजी को लेकर 12 हजार 115 मामले पिंपरी चिंचवड क्षेत्र में दर्ज हुए.
आर्थिक जालसाजी से संबंधित मामलों में विदर्भ क्षेत्र भी पीछे नहीं रहा. विदर्भ क्षेत्र के नागपुर शहर में 11875 व नागपुर ग्रामीण में 1620 मामले आर्थिक जालसाजी को लेकर दर्ज हुए तथा नागपुर जिले में जालसाजी की रकम 1491 करोड 7 लाख रुपए के आसपास रही. जबकि अमरावती जिले में 223 करोड 59 लाख रुपए की आर्थिक जालसाजी को लेकर 2778 मामले दर्ज हुए. जिसमें से अमरावती शहर में 1819 मामले दर्ज हुए है. इसक अलावा ऐसे मामलों की संख्या नाशिक शहर में 3681 व नाशिक ग्रामीण में 2788 रही तथा नाशिक जिले में ऐसे मामलों की कुल संख्या 9169 दर्ज की गई. जिनमें जालसाजी की रकम 1047 करोड 32 लाख के आसपास है. इसी तरह छत्रपति संभाजी नगर में 543 करोड 61 लाख की जालसाजी को लेकर 6090 मामले दर्ज हुए. जिसमें से छत्रपति संभाजी नगर शहर में दर्ज मामलों की संख्या 4837 बतायी गई. वहीं सोलापुर जिले में 394.54 करोड की जालसाजी को लेकर 3457, बुलढाणा जिले में 239.19 करोड की जालसाजी को लेकर 1531, चंद्रपुर जिले में 175.39 करोड की जालसाजी को लेकर 1792 तथा लातूर जिले में 240.45 करोड की जालसाजी को लेकर 1624 अपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी सामने आयी है.