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रसोई गैस के दाम बढने से ग्रामीण परिसर में पुन: जलने लगे चूल्हें

महिलाएं फिर से ईधन के लिए लकडियां चुनने पर मजबूर

चांदूर बाजार/ दि.22– केंद्र सरकार व्दारा लगातार पेट्रोल व डीजल तथा रसोई गैस के दामों में वृद्धी की जा रही है. रसोई गैस सिलेंडर इतना मंहगा हो गया है की इसे खरीदना परिसर के गरीब परिवारों के बुते के बाहर है. एक ओर जीवनावश्यक वस्तुओं के दाम बढने से पहले ही नागरिक त्रस्त वहीं अब रसोई गैस के दाम बढाए जाने पर महिलाएं फिर से ईधन के लिए जंगल से लकडियां लाने के लिए मजबूर है और महिलाओं को फिर से चूल्हा फूंकना पड रहा है.
तहसील में दिहाडी मजदूरी करने वालों की संख्या बडे प्रमाण में है यह मजदूर परिवार इतना मंहगा गैस सिलेंडर नहीं खरीद सकते. रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढने पर गरीब महिलाओं के परिवार का बजट बिगड चुका है. अब यह महिलाएं रसोई गैस की बजाए चूल्हा जलाने के लिए जंगल से लकडियां जमा करने के लिए मजबूर है. केंद्र सरकार व्दारा नाममात्र शुल्क व्दारा घरेलू रसोई गैस के कनेक्शन देकर महिलाओं को चूल्हे से उठने वाले धुंऐ से राहत दिए जाने का आश्वासन दिया था किंतु बढती मंहगाई के चलते फिर से एक बार महिलाओं को चूल्हा फूंकने के लिए मजबूर होना पड रहा है. ग्रामीण परिसर में महिलाएं लकडियां चुनते नजर आ रही है.

महिलाएं फिर से चूल्हा जालाने के लिए मजबूर
उज्वला योजना अंतर्गत गरीब परिवारों को रसोई गैस सिलेंडर व सिगडी का नि:शुल्क वितरण किया गया था. किंतु उसके लिए लगने वाले आवश्यक गैस सिलेंडर के दाम बढने की वजह से फिर से महिलाओं को चुल्हा जलाने के लिए मजबूर होना पड रहा है. गरीब परिवारों के लिए हर महिने रसोई गैस सिलेंडर के लिए 1 हजार रुपए खर्च करना मुश्किल है. जिसके चलते महलाएं चूल्हे पर ही अब भोजन पका रही है.

 

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