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औद्योगिक न्यायालयों में काम कम, कर्मचारी ज्यादा

हाईकोर्ट ने मंगाए दायर मामलों के आंकडे

नागपुर/दि.26-औद्योगिक व कामगार न्यायालयों में दायर होने वाले प्रकरणों की संख्या लगातार घट रही है. इसलिए इन न्यायालयों में काम कम और कर्मचारी ज्यादा, ऐसी स्थिति निर्माण हुई है, ऐसा निरीक्षण में पाया गया. मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को संबंधित जनहित याचिका की सुनवाई दौरान उक्त निरीक्षण दर्ज किया. तथा नागपुर के औद्योगिक व कामगार न्यायालयों में रह साल कितने प्रकरण दायर होते है, इसकी आंकडेवारी तीन सप्ताह पेश करने के निर्देश याचिकाकर्ताओं को दिए.
संबंधित जनहित याचिका विदर्भ लेबर लॉ प्रैक्टिशनर्स असोसिएशन ने दायर की है. जिस पर न्यायमूर्तिद्धय भारती डांगरे व अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई. नागपुर के औद्योगिक व कामगार न्यायालय को 62 पद मंजूर है. परंतु इस न्यायलय में फिलहाल केवल 42 कर्मचारी कार्यरत है तथा 21 पद रिक्त है. इसका परिणाम न्यायालय के कामाकज पर हो रहा है. रिक्त पद तुरंत भरे जाए, इसके लिए असोसिएशन ने इसके पहले भी उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय ने 27 फरवरी 2023 को आवश्यक आदेश देकर याचिकाव निकाली थी, परंतु स्थिति बदली नहीं. रिक्त पद नहीं भरे गए. इस संदर्भ में राज्य सरकार को ज्ञापन दिया गया, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया, ऐसा असोसिएशन का कहना है.
* हाईकोर्ट की प्रशासन को नोटिस
उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में अपने प्रशासकी व्यवस्थापकों को प्रतिवादी किया और उन्हें नोटिस देकर याचिका के मुद्देपर अगली तारीख तक जवाब पेश करने का आदेश दिया. इसके अलावा औद्योगिक उर्जा व कामगार विभाग, विधि व न्याय विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग और सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के प्रधान सचिव कावे भी प्रतिज्ञा पत्र पेश करने कहा. असोसिएशन की ओर से एड.अरूण पाटिल ने पक्ष रखा.

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