नागपुर/दि.12- यवतमाल स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय की 2 छात्राओं को शाला से बाहर न निकाला जाए. इस आशय का अंतरिम आदेश मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्बारा दिया गया. साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में तत्काल सुनवाई करते हुए यवतमाल के जिलाधीश द्बारा पारित किए गए आदेश को स्थगिती भी दी.
जानकारी के मुताबिक मारेगांव निवासी 2 छात्राओं ने ग्रामीण क्षेत्र वाले प्रवर्ग से जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद कक्षा छठवीं में प्रवेश प्राप्त किया था. यह दोनों छात्राएं मारेगांव की निवासी है और उनका पुराना विद्यालय भी मारेगांव नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित है. चूंकि मारेगांव यह नगर पंचायत क्षेत्र है. अत: उसे शहरी क्षेत्र माना जाता है. जिसके चलते इन छात्राओं द्बारा ग्रामीण क्षेत्र वाले प्रवर्ग से प्राप्त किया गया प्रवेश गलत है. ऐसा निष्कर्ष घाटंजी तहसील अंतर्गत बेलोरा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय द्बारा निकालते हुए अपनी रिपोर्ट जिलास्तरीय समिति के पदसिद्ध अध्यक्ष रहने वाले यवतमाल के जिलाधीश के पास भेजी गई थी. जिसके आधार पर जिलाधीश ने दोनों छात्राओं के प्रवेश को रद्द करने का आदेश जारी किया था. जिससे व्यथित होकर दोनों छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसमें कहा गया कि, नगर पंचायत को पूरी तरह से शहरी क्षेत्र नहीं कहा जा सकता और दोनों छात्राओं ने किसी भी तरह की जानकारी को छिपाया भी नहीं था. साथ ही जिलाधीश ने उनका पक्ष सुने बिना एक तरफा फैसला लिया है. अत: जिलाधीश के फैसले को तत्काल स्थगिती दी जाए. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई करते हुए सभी तत्थों को देखा. साथ ही याचिकाकर्ताओं की ओर से रखे गए मुद्दों के आधार पर जिलाधीश द्बारा जारी आदेश को स्थगिती दी. जिसके चलते कक्षा छठवीं में प्रवेश प्राप्त दोनों छात्राओं को फिलहाल काफी बडी राहत मिली है.