अश्विनी बिद्रे हत्याकांड में हुआ न्याय
मुख्य आरोपी व पुलिस अधिकारी अभय कुरुंदकर को उम्रकैद

* दो अन्य आरोपियों भंडारी व फलनीकर को 7 साल की सजा
मुंबई/दि.21 – अश्विनी बिद्रे हत्याकांड में अदालत ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी रहनेवाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभय कुरुंदकर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जिसने अपने अनुभव का दुरुपयोग करते हुए इस मामले को कमजोर करने का प्रयास किया था. साथ ही इस मामले में सहआरोपी रहनेवाले कुंदन भंडारी व फलनीकर नामक दो आरोपियों को अदालत ने 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है.
बता दें कि, नवी मुंबई पुलिस ने अश्विनी बिद्रे के पति राजीव गोरे की शिकायत पर कोई दखल नहीं ली थी. जिसके चलते राजीव गोरे ने 4 अक्तूबर 2016 को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद 31 जनवरी 2017 को हत्या करने के उद्देश्य से अपहरण करने की धाराओं के तहत वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अभय कुरुंदकर के खिलाफ कलंबोली पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया था. लेकिन अपने खिलाफ अपराध दर्ज होते ही फरवरी 2017 से अक्तूबर 2017 तक कुरुंदकर अपनी नौकरी से गायब था. इस मामले को लेकर 16 जनवरी 2018 को देश के राष्ट्रपति व प्रमुख न्यायमूर्ति के नाम निवेदन भेजकर अश्विनी बिद्रे के पति राजीव गोरे व 9 वर्षीय बेटी सिद्धी गोरे ने न्याय नहीं मिलने के चलते इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी थी. जिसकी दखल लेते हुए राष्ट्रपति ने 25 जनवरी 2018 को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव के नाम पत्र जारी कर इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर ध्यान देने का निर्देश दिया था.
जानकारी के मुताबिक अश्विनी बिद्रे की हत्या 11 अप्रैल 2016 को हुई थी. परंतु कुरुंदकर का पुलिस दल में रहनेवाले प्रभाव के चलते उसके खिलाफ लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. हालांकि, आगे चलकर पुलिस ने अश्विनी बिद्रे हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार अभय श्यामसुंदर कुरुंदकर (भाईंदर पूर्व, जि. ठाणे), एकनाथ खडसे भानजे ज्ञानदेव दत्तात्रय पाटिल उर्फ राजू पाटिल (तलवेल, तह. भुसावल, जि. जलगांव), कुरुंदकर के कार चालक कुंदन भंडारी तथा कुरुंदकर के बाल मित्र महेश फलनीकर (आजरा) इन चार लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें से महेश फलनीकर द्वारा हत्या की कबूली दिए जाने के चलते जांच की गति आगे बढी और इस मामले के फैसले की ओर पुलिस दल सहित समूचे राज्य की निगाहें लगी हुई थी. पनवेल स्थित सत्र न्यायाधीश पालदेवार की अदालत ने पुलिस अधिकारी रहनेवाली अश्विनी बिद्रे का अपहरण कर उसकी हत्या करने और फिर वूड कटर से उसके शरीर के टुकडे कर सबूत नष्ट करने के मामले में अभय कुरुंदकर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही उसके साथीदार कुंदन भंडारी व महेश फालनीकर को अपराध में शामिल रहने व सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराते हुए 7-7 वर्ष के कारवास की सजा सुनाई. इसके अलावा अदालत ने मामले की जांच में अक्षम्य लापरवाही बरतने वाले नवी मुंबई पुलिस दल के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को लेकर अपनी नाराजगी भी जताई.