विदर्भ के प्रकल्पग्रस्तों को दिलाया जाएगा न्याय
सीएम एकनाथ शिंदे ने दिया आश्वासन
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* पूर्व सांसद आनंद अडसूड की पहल पर हुई बैठक
मुंबई/दि.3 – विदर्भ के 65 हजार परिवारों से वास्ता रखने वाले 4 लाख प्रकल्प प्रभावितों की सीधी खरीदी व प्रकल्पग्रस्त प्रमाणपत्र धारकों की नौकरी सहित अन्य विविध समस्याओं को लेकर कोई समाधानकारक रास्ता निकले. इस हेतु शिवसेना के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल एवं शिवसेना के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक अभिजित अडसूल की पहल पर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता के तहत मुंबई स्थित विधानभवन में चर्चा एवं विचार विमर्श हेतु बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें मंत्री संजय राठोड भी प्रमुख रुप से उपस्थित थे. इस बैठक में प्रकल्पग्रस्तों से संबंधित विभिन्न विषयों की जानकारी पर विचार विमर्श करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि, विदर्भ क्षेत्र के प्रकल्पग्रस्तों की समस्याओं का जल्द से जल्छ निराकरण करते हुए सभी प्रकल्पग्रस्तों को न्याय दिलाया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि, विदर्भ बलिराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष संगठन द्बारा विगत 10 वर्षों से विदर्भ क्षेत्र के प्रकल्पग्रस्तों हेतु लगातार संघर्ष किया जा रहा है. इस संगठन के सामाजिक कामों की गंभीरतापूर्वक दखल लेते हुए पूर्व आनंदराव अडसूल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से आग्रह करते हुए प्रकल्पग्रस्तों हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया था. जिसमें यह भी तय किया गया कि, प्रकल्पग्रस्तों की समस्याओं का निवारण करने हेतु मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री व पुनर्वसन मंत्री की संयुक्त उच्चस्तरीय बैठक यथाशीघ्र आयोजित की जाएगी और इस बैठक में पश्चात प्रकल्पग्रस्त संगठन के पदाधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए अंतिम निर्णय लिया जाएगा. साथ ही इस बैठक में सीएम शिंदे ने पेढी प्रकल्प की वजह से विगत लंबे समय से प्रलंबित रहने वाले वासेवाडी गांव के पुनर्वसन के मामले का त्वरित निपटारा करने का आदेश भी जारी किया.
इस बैठक में विदर्भ बलिराजा प्रकल्पग्रस्त संगठन के अध्यक्ष मनोज चव्हाण, साहेब विधले, अरुण पडोले, धर्मेंद्र मेहरे, गौतम खंडारे, अविनाश सनके, नितिन मलमकार, डॉ. भगवान पंडित, संजय धोेंडे, मोहन गहूले, शुभम रोकडे, मनोज जैन, प्रशांत मुरादे, गणेश गोंडाणे, प्रमोद खाडे, रामेश्वर मेटे तथा संबंधित विभाग के प्रधान सचिव, सहसचिव व वरिष्ठ अधिकारी प्रत्येक उपस्थित थे. वहीं विदर्भ क्षेत्र के दोनों विभागीय अधिकारी एवं सभी जिलाधिकारी तथा सभी कनिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फे्रसिंग के जरिए इस बैठक में सहभागी थे.