स्वाधीनता सेनानियों के दैवत रहे खंडोबा
सरसंघचालक मोहन भागवत का प्रतिपादन
* जेजुरी देवस्थान ने किया मानपत्र प्रदान
पुणे /दि.5- देश की आजादी के लिए लडने वालों हेतु खंडोबा सबसे बडे दैवत रहे, ऐसे में आज जेजुरी गढ पर आकर सही अर्थों में मुझे देवदर्शन हुए है. यह समाज जागृति का श्रद्धा केंद्र है और इसी श्रद्धा की वजह से देश व धर्म टीके हुए है. इस आशय का प्रतिपादन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने किया.
सरसंघचालक मोहन भागवत ने आज गुरुवार 5 सितंबर को जेजुरी स्थित श्री मार्तंददेव संस्थान को भेंट देते हुए श्री खंडोबा के दर्शन किये. इस अवसर पर देव संस्थान व जेजुरी के ग्रामीणों की ओर से सरसंघचालक मोहन भागवत को सम्मानपत्र प्रदान करते हुए उनका सत्कार किया गया. साथ ही इस समय सरसंघचालक ने ‘देवाचा तळी भंडारा’ किया और खंडा तलवार की कसरत को भी देखा.
इस अवसर पर श्री खंडेराय की पगडी, घोंगडी व भारतमाता की प्रतिमा प्रदान करते हुए सरसंघचालक का प्रदान किया गया. उल्लेखनीय है कि, महाराष्ट्र व कर्नाटक राज्य में खंडोबा देव के 12 प्रमुख स्थान है. उन सभी स्थानों का दर्शन जेजुरी आने वाले श्रद्धालुओं को एक ही स्थान पर हो, इस उद्देश्य से देव संस्थान व पुरातत्व विभाग द्वारा द्वादश मल्हार दर्शन सृष्टि के निर्माण का कार्य किया जाना है. जिसका भूमिपूजन व कोनशीला का उद्घाटन भी सरसंघचालक के हाथों हुआ.