* खाली बोतलों के बडे व्यापारी हैं अरूण वोरा
अकोला/ दि. 14- रामदास पेठ थाना क्षेत्र के रॉयली जीन परिसर से गत रात 10.30 बजे कबाड, खाली शीशी के कारोबारी अरूण मगनलाल वोरा का लोगों के देखते ही देखते सिने स्टाइल अपहरण हो गया. अगवा करनेवाले सफेद रंग की व्हैन में आने की जानकारी प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को दी. जिसके आधार पर पुलिस ने अगवा अरूण वोरा की सरगर्मी से खोजबीन आरंभ की है. यहां वहां पुलिस दल दौडाए गये हैं. एसडीपीओ सतीश कुलकर्णी, थानेदार मनोज बहुरे, थानेदार शंकर शेलके और अन्य अफसर घटनास्थल पहुंचे. इस बारे में अरूण वोरा के भतीजे जिग्नेश प्रवीण वोरा (45, राधेनगर) की शिकायत पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर तलाश शुरू की है.
* सफेद रंग की कार में तीन लोग
जिग्नेश की शिकायत के अनुसार चार जीन दगडी पुल के पास उनके कबाड के गोदाम है. जहां बैटरी, डिस्टील वॉटर और खाली शीशियां रखी जाती है. जिग्नेश को गोदाम के मजदूर गणेश चंदन ने फोन कर अरूण वोरा के अपहरण के बारे में बताया. चंदन ने जिग्नेश को बताया कि सफेद रंग की कार में दो तीन लोग अचानक आए. उन्होंने अरूण को जबर्दस्ती गाडी में ठूसा और भाग गये. खबर मिलते ही जिग्नेश तुरंत गोदाम पर पहुंचे.
* दो घंटे तक इंतजार
जिग्नेश की शिकायत मेंं कहा गया कि उनके चाचा अरूण वोरा का यह अपहर्ता दो घंटे तक प्रतीक्षा कर रहे थे. अरूण के गोदाम पहुंचने से पूर्व वहां पहुंचकर यह युवक कार में बैठकर इंतजार कर रहे थे. जैसे ही अरूण वहां आए और उन्होंने अपनी मोपेड स्टैंड पर लगाई. युवकों ने उन्हें घेर लिया और पुरानी कार में जबरन बैठाकर कार दौडा दी. अरूण वोरा बचाओ- बचाओ चिल्लाते रह गये. सब कुछ फिल्मी अंदाज में हुआ. बताते हैं कि वहां मौजूद कुछ लोगों ने अपहरणकर्ताओं का पीछा किया. किंतु वे भाग निकले. एक मोबाइल हैंडसेट वहां गिरा था. रामदास पेठ पुलिस ने जांच शुरू की है.
* अपहरण का मकसद
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के पीछे का उद्देश्य का सर्वप्रथम पता लगाया जा रहा है. जिसके आधार पर कारोबारी वोरा के अपहरणकर्ताओं का कुछ सुराग मिल सकता है. मंगलवार दोपहर तक इस मामले में पुलिस के हाथ खाली थे तथापि व्यापारी वर्ग में इस तरह सरे राह एक व्यापारी को अगवा कर लेने के कारण दहशत देखी गई.
* पैसों का लेनदेन या कुछ और मामला
घटना को लेकर शहर में तरह- तरह की चर्चा हो रही है. भूतकाल में व्यापारी लेन देन के कारण भी इस तरह की वारदातें हो चुकी है. इसलिए कहा जा रहा है कि अरूण वोरा के अपहरण के पीछे पैसे का लेनदेन की वजह है या मामला कुछ और है.