नागपुर/दि.12 – संपत्ति के विवाद के चलते एक व्यक्ति ने अपने एक दोस्त की सहायता से अपने बडे भाई की हत्या करते हुए उसके शव को जमीन में गाड दिया था. लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते करीब 7 माह बाद इस घटना का पर्दाफाश हुआ और सच सामने आया. यह घटना कोराडी पुलिस थाना क्षेत्र में घटित हुई थी तथा हकीकत सामने आते ही विलास दीपचंद हिंगणकर (50) की हत्या के मामले में कोराडी पुलिस ने चंदन दीपचंद हिंगणकर (40) व उसके दोस्त मनोहर कवडू दुधबर्वे (48) को हिरासत में लिया.
जानकारी के मुताबिक विलास हिंगणकर व चंदन हिंगणकर ने कोराडी के सुरादेवी में 4 एकड जमीन पर सिमेंट की ईट तैयार करने का काम शुरु किया था. साथ ही रेती व गिट्टी तथा गिट्टी का काम भी शुरु किया गया था. जिसमें दोनों ने अपने घर का काफी पैसा लगा रखा था और माल ढुलाई के लिए टिप्पर भी किराए पर लिया था. यह पूरा व्यवसाय विलास ही चलाता था, जो कुछ हद तक आक्रामक स्वभाव वाला था. धीरे-धीरे व्यापार में घाटा होने लगा, तो पुश्तैनी संपत्ति बेचनी पडी और सिर पर कर्ज भी चढ गया. वहीं चंदन द्वारा जब हिसाब पूछा जाता था, तो विलास उसके साथ गालीगलौज करते हुए मारपीट करने लगता था. जिससे चंदन को अपमानित महसूस होने लगता था. इसके साथ ही विलास ने चंदन को बिना बताये मां के नाम पर रहने वाली संपत्ति को बेच दिया और चंदन को उसका हिस्सा भी नहीं दिया. इससे चंदन चीढ गया था और आये दिन होने वाले झगडों के चलते उसने विलास को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. तय योजना के तहत 8 जून 2023 को चंदन अपने दोस्त मनोहर के साथ सुरादेवी पहुंचा. जहां पर दोनों ने विलास की तेज धारदार हथियार से हत्या करते हुए उसके शव को छिपाकर रख दिया. जिसके बाद शौचालय हेतु गड्ढा खोदने के बहाने से चंदन ने जेसीबी मशीन मंगवाई और गड्ढा खुदवाया. साथ ही शव को दफन करने हेतु 5 किलो नमक भी खरीदा गया. जिसके बाद शव को कंबल में लपेटकर उसे रात में ही उसी गड्ढे में दफन कर दिया गया. चूंकि विलास अपनी पत्नी पर भी अत्याचार किया करता था. जिसके चलते उसकी पत्नी अपने बेटे व बेटी को साथ लेकर वर्ष 2017 में ही अपने भाई के यहां रहने चली गई थी. साथ ही विलास के किसी से कोई खास संबंध नहीं थे. ऐसे में किसी को भी विलास की हत्या के बारे में कोई जानकारी ही पता नहीं चली. लेकिन विलास के अचानक लापता हो जाने के बाद जब बीते कुछ दिनों से लोगों ने चंदन से इस बारे में पूछताछ करनी शुरु की, तो उसके व्यवहार व जवाब से लोगों को शव होना शुरु हुआ. जिसकी जानकारी धीरे-धीरे पुलिस तक भी पहुंची और पुलिस ने इस बारे में चंदन से पूछताछ करनी शुरु की. पहले तो चंदन ने इधर-उधर की बाते करते हुए टालमटोल वाले जवाब देने शुरु किये. लेकिन बाद में उसने अपना अपराध कबूल कर लिया. साथ ही जिस स्थान पर 7 माह पहले विलास के शव को गाडा गया था, वह जगह भी पुलिस को बताई. जिस पर चंदन ने दो ट्रक राख लाकर डलवा रखी थी, ताकि किसी का ध्यान उस जगह पर न जाये, पश्चात गुरुवार की दोपहर तहसीलदार के मौजूदगी के बीच उस जगह की खुदाई करते हुए विलास के शव को बाहर निकालते हुए पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया. साथ ही हत्या का अपराध दर्ज करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया.