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मजदूर महिला का अंगदान, दो को नया जीवन

नागपुर में जेडटीसीसी की कोशिशों को सफलता

नागपुर/दि. 24- अवयवदान के कारण कई मरीजों को नया जीवन प्राप्त होता है. उसी प्रकार जाने वाला व्यक्ति भी और कुछ समय के लिए अवयव के लिए हमारे बीच जीवित रहने का समाधान मिलता है. इसी कडी में नागपुर विभागीय प्रत्यारोपण समिति जेडटीसीसी के प्रयत्नों से सोमवार को मजदूर महिला का अवयव दान संभव हुआ. दो व्यक्तियों को नया जीवनदान इससे प्राप्त होने का दावा समिति ने किया है. उन्होंने बताया अवयव दाता महिला का नाम हंसोबाई सुरेश सिंह (39) है.
समिति ने बताया कि अवयव दान जनजागृति के कारण इस वर्ष सर्वाधिक 38 ब्रेन डेड लोगों के अवयव दान संभव हो सके है. हंसोबाई मध्यप्रदेश के नया पुरा की मूल निवासी है. मजदूरी के लिए वे सोनेगांव वर्धा रोड आयी थी. गत 17 तारीख को गांव लौटते समय दुर्घटना का शिकार हुई. उन्हें गंभीर घायल अवस्था में निजी अस्पताल में दाखिल किया गया. बाद में मेडिकल कॉलेज के ट्राम सेंटर में भर्ती किया गया. 4 दिनों तक उपचार चला. किंतु वे प्रतिसाद नहीं दे पाई.
उनके मस्तिष्क में काफी रक्तस्त्राव हो गया था. डॉक्टर्स की टीम ने जांच कर ब्रेन डेड होने की रिपोर्ट दी. जिसके बाद परिजनों को अवयव दान के बारे में बताया गया. मेडिकल के संयोजक डॉ. सुमित चाहकर व अन्य ने सिंह परिवार को अवयव दान के लिए प्रेरित किया. परिवार की अनुमती से हंसोबाई की एक किडनी और लीवर का प्रत्यारोपण प्रतिक्षा सूची के मरीजों को किया गया. मूत्र पिंड मेडिकल ने ही 38 वर्षीय पुरुष को लगाया गया. जबकि यकृत मैक्स हॉस्पीटल के 53 वर्षीय मरीज को दिया गया. अवयव दान की प्रक्रिया मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. राज गजभीये के मार्गदर्शन में अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे, डॉ. सोमा चाम, डॉ. दीपाली विडोले, डॉ. मेघा बडवाईक और डॉ. स्नेहा पावसकर ने पूर्ण की.

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