जीवन प्राधिकरण कर्मचारियों को तत्काल निवृत्ति वेतन अदा करें
हाइकोर्ट का मुख्य प्रशासकीय अधिकारियों को आदेश
नागपुर/दि.9– महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के अमरावती विभाग के तीन कर्मचारियों को तत्काल निवृत्ति वेतन अदा करें, ऐसे निर्देश मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने शुक्रवार को मुख्य प्रशासकीय अधिकारियों को दिये. जिससे कर्मचारियों को दिलासा मिला है.
अजय कर्णेवार, सुरेश चारथल व गणेशसिंग कच्चावय यह कर्मचारियों के नाम है. उनकी याचिका पर न्यायमूर्तिद्वय अतुल चांदुरकर व उर्मिला जोशी के समक्ष सुनवाई हुई. शुरुआत में इन कर्मचारियों की अनुसूचित जमाति प्रवर्ग से विविध पदों पर नियुक्ति की गई थी. दरमियान उन्हें अनुसूचित जमाति का वैधता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में असफलता मिली. जिसके चलते उन्हें 15 जून 1995 से 18 मई 2013 को शासन निर्णय के अनुसार ओबीसी व एनटी-सी प्रवर्ग में समाविष्ट किया गया. ऐसा रहते हुए भी उन्होंने अनुसूचित जमाति का वैधता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया. इस कारण से ही 21 दिसंबर 2019 को शासन निर्णय के अनुसार अधिसंख्य पद पर वर्ग किया गया. आगे वे सेवानिवृत्त हो गए. लेकिन जाति वैधता प्रमाण पत्र के विवाद के कारण उनका निवृत्ति वेतन रोक दिया गया. परिणामस्वरुप उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दाखल की है. न्यायालय ने जलापूर्ति विभाग के उपसचिव व जीवन प्राधिकरण के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी को नोटीस भेजकर इस पर 4 अगस्त तक उत्तर देने के निर्देेश भी दिए है. कर्मचारियों की तरफ से एड. शैलेश नारनवरे ने पैरवी की.