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हत्यारे पिता को उम्रकैद

सत्र न्यायालय का फैसला

* सगे बेटे को धकेल दिया था कुएं में
नागपुर/दि.26 – पत्नी के चरित्र पर संशय होने से यह बच्चे अपने नहीं है, ऐसा विचार करते हुए अपने बेटे को कुएं में धकेलकर उसकी हत्या करने वाले पिता को सत्र न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार हत्यारे पिता का नाम नागपुर के हिंगना मार्ग स्थित राजीव नगर निवासी संतोष लक्ष्मण मेश्राम (33) है.
एमआईडीसी पुलिस थाना क्षेत्र में 11 अक्तूबर 2018 को यह घटना घटित हुई थी. संतोष का सरीता से विवाह हुआ था. उसे 5 वर्षीय हर्ष व 3 वर्षीय प्रिन्स नामक दो बेटे थे. संतोष कुछ माह वर्धा जिले में भेड चराने का काम करता था. बाकी वह नागपुर में अपने परिवार के साथ रहता था. सरीता मेहनत मजदूरी कर परिवार का पेट भरने में सहयोग करती थी. संतोष को सरीता के चरित्र पर संदेह था. हर्ष और प्रिन्स अपने बेटे न रहने का संदेह उसे था. इस कारण इन दोनों मासूमों के हत्या करने की साजिश उसने रची. घटना वाले दिन सुबह उसने जहर देकर दोनों बेटों को मारने का प्रयास किया. लेकिन यह बात सरीता के ध्यान में आते ही दोनों मासूम बच गए. उसने अपने दोनों बेटों को पडोस में रहने वाली अपनी बहन के यहां छोड दिया और खुद काम पर चली गई. उसी दिन शाम संतोष पडोस में रहनेवाली सरीता की बहन के पास गया और दोनों बेटों को साथ में लेकर चला गया. वहां से कुछ दूरी पर स्थित कुएं में इन दोनों मासूमों को संतोष ने धकेल दिया. कुएं के पानी में डूबने से दोनों मासूमों की मौत हो गई. पश्चात वह भागने के प्रयास में रहते सरीता और उसके भांजे ने उसे देख लिया. तब वह सरीता को टालमटोल जवाब देने लगा और फरार हो गया. बच्चे लापता होने से सरीता ने पुलिस में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने तत्काल जांच शुरु करते हुए संतोष को कब्जे में लेकर पूछताछ की तब उसने दोनों बच्चों को कुएं में धकेल कर मारने की कबूली दी. जांच के बाद चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई. अतिरिक्त सरकारी वकील वर्षा साइखेडकर ने सरकारी पक्ष की तरफ से युक्तिवाद किया. दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालत ने संतोष को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.
* विफल हुआ था विषप्रयोग
आरोपी संतोष मेश्राम यह समझ बैठा था कि हर्ष और प्रिंस उसके बेटे नहीं है. इस कारण दोनों का काम उसे तमाम करना था. घटना वाले दिन उसने दोनों बच्चों को जहर देने का प्रयास किया था. इसके लिए वह गोली लेकर आया था. बडे बेटे को चाय में और छोटे को पानी में मिलाकर देने का वह प्रयास कर रहा था, लेकिन यह बात सरीता के ध्यान में आ गई. उसे संदेह हुआ और संतोष का प्रयास विफल कर दिया. उसके बाद संतोष ने कुएं में धकेलकर दोनों को मार दिया.

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