तीन चरणों में हो सकते है स्थानीय निकायों के चुनाव

अक्तूबर माह में चुनाव कराने की चल रही तैयारी

मुंबई /दि.7- राज्य में विगत 3 से वर्षों से लेकर 5 वर्षों से प्रलंबित रहनेवाले स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव चार माह के भीतर कराने का आदेश विगत 6 मई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को दिया गया था. जिसके चलते राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तय समय के भीतर चुनाव कराए जाने की तैयारी शुरु की गई है. साथ ही प्रशासकीय व राजनीतिक नियोजन के नुसार स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव तीन चरणों में कराए जाने को लेकर तैयारी की जा रही है, ऐसी जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त दिनेश वाघमारे द्वारा दी गई. साथ ही आयुक्त वाघमारे ने यह संभावना भी जताई कि, राज्य की 29 मनपा, 26 जिला परिषद, 257 नगर पालिका व 288 पंचायत समितियों के चुनाव आगामी अक्तूबर माह तक पूरे करा लिए जाएंगे.
इस संदर्भ में दी गई जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी महानगर पालिकाओं व जिला परिषदों के नाम पत्र जारी किया था. जिसके जरिए 40 दिन के भीतर यानि जून माह के अंत तक मनपा के वॉर्ड व प्रभाग तथा जिला परिषद व पंचायत समिति के गट व गण की रचना तय करने से संबंधित आदेश जारी किया गया था. जिसके चलते माना जा रहा है कि, जून माह के अंत तक वॉर्ड एवं प्रभाग रचना का काम पूरा हो जाएगा. जिसके बाद आपत्ति व आक्षेपों पर सुनवाई करते हुए अंतिम प्रभाग रचना घोषित की जाएगी. साथ ही विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का भी वॉर्ड एवं प्रभागनिहाय विभाजन करते हुए मनपा चुनाव के लिहाज से अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. जिसके उपरांत चुनावी अधिसूचना घोषित करते हुए आचार संहिता लागू की जाएगी और अक्तूबर माह में स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव कराए जाएंगे.
* अक्तूबर माह को ही क्यों चुना राज्य निर्वाचन आयोग ने
उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार ही वॉर्ड एवं प्रभाग रचना होगी. जिसके तहत कुछ स्थानों की वॉर्ड एवं प्रभाग रचना में बदलाव होंगे. जिस पर आक्षेप व आपत्ति उठाते हुए कुछ लोग अदालत भी जा सकते है. जिसके चलते प्रभाग रचना के काम में भी करीब दो माह का समय लगेगा. साथ ही पूरी निर्वाचन प्रक्रिया को अंतिम करने हेतु तीन से साढे तीन माह का समय लगना है. जिसके चलते राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अक्तूबर माह में चुनाव कराए जाने का निर्णय लिया गया है.
* तीन चरणों में चुनाव से महायुति को होगी आसानी
देखा जाए तो अक्तूबर माह तक बारिश का दौर खत्म हो चुका रहता है. साथ ही ज्यादातर पर्व एवं त्यौहार भी निपट चुके रहते है. जिसके चलते समूचे राज्य में एक ही चरण के तहत स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव कराए जा सकते है. परंतु इसके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तीन चरणों के तहत स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है. जिसके चलते माना जा रहा है कि, निर्वाचन आयोग द्वारा सत्ताधारी महायुति के पक्ष में पलडा झुकाया जा रहा है. क्योंकि सत्ताधारी दलों द्वारा राज्य की सभी जिला परिषदों व महानगर पालिकाओं के चुनाव लडने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में सत्ताधारी दलों के नेताओं को तहसील स्तर पर जाकर प्रचार करने का अवसर मिले, इस हेतु तीन चरणों में चुनाव उपयोगी साबित होंगे. पहले नगर पालिका व नगर पंचायत, फिर जिला परिषद व पंचायत समिति तथा अंत में मनपा के चुनाव कराए जाने पर महायुति के नेता सभी स्थानों पर ध्यान देते हुए अपनी ताकत झोंक सकेंगे.
* डेढ लाख इवीएम की जरुरत, 65 हजार उपलब्ध
राज्य में सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव एक साथ कराने हेतु लगभग डेढ लाख इवीएम मशीनों की जरुरत पडेगी. जिसमें से राज्य निर्वाचन आयोग के पास इस समय लगभग 65 हजार इवीएम मशीने उपलब्ध है. जिसके चलते राज्य निर्वाचन आयोग ने तीन चरणों के तहत चुनाव कराने का निर्णय लेने के साथ ही अतिरिक्त इवीएम मशीनों की व्यवस्था के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है.
* वीवीपैट का नहीं होगा प्रयोग
उल्लेखनीय है कि, मुंबई मनपा के अलावा राज्य की शेष सभी महानगर पालिकाओं तथा नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों के चुनाव में बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति के आधार पर चुनाव कराए जाएंगे. जिसके चलते इवीएम मशीन के साथ वीवीपैट मशीन का प्रयोग करना संभव नहीं हो पाएगा. ऐसे में मनपा चुनाव में इवीएम मशीन के साथ वीवीपैट मशीन दिखाई नहीं देगी.

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