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दिग्रस की जनसंघर्ष अर्बन निधि पर लटका ताला

निवेशकों की शिकायत दर्ज कराने पुलिस थाने में गुहार

दिग्रस/दि.17 – विगत कुछ दिनों से जनसंघर्ष निधि अर्बन बैंक के निवेशकों को अपनी रकम वापिस प्राप्त करने हेतु काफी संघर्ष करना पड रहा है. वहीं 10 दिसंबर से बैंक शाखा कार्यालय कुछ दिन बंद रहने का फलक भी लगाया गया है. इसके चलते निवेशकों व खाता धारकों में चिंता फैलनी शुरु हो गई है और लोगों ने पुलिस थाने में शिकायत देनी शुरु कर दी है. जिसके चलते पुलिस ने अब इस बैंक पर अपना ताला लगाते हुए मामले की जांच करनी शुरु की है.
जानकारी के मुताबिक दिग्रस शहर में 2 वर्ष पहले प्रणित मोरे नामक युवक ने जनसंघर्ष अर्बन निधि पतसंस्था खोली थी और किसी राष्ट्रीयकृत बैंक की तरह ही कामकाज करना शुरु करते हुए निवेशकों को अन्य बैंकों की तुलना में ज्यादा ब्याजदर देने का लालच देते हुए अपनी ओर आकर्षित किया. जिसके चलते बेहद कम समय में ही अनगिनत निवेशकों ने इन पतसंस्था में करोडों रुपए का आर्थिक निवेश किया. एक अनुमान के मुताबिक इस पतसंस्था ने करीब 35 करोड रुपयों का चूना आम नागरिकों को लगाया है तथा 2 हजार 327 निवेशकों व 5 हजार 622 खाताधारकों के साथ बैंक के अध्यक्ष व संचालक मंडल ने जालसाजी की है. पता चला है कि, कई तहसीलों में जनसंघर्ष अर्बन निधि ने अपना विस्तार करते हुए बडे पैमाने पर आर्थिक व्यवहार शुरु किया तथा जनसामान्यों के मन में पतसंस्था को लेकर अलग स्थान बनाने हेतु 10 फीसद निधि सामाजिक उपक्रमों पर भी खर्चकी गई. लेकिन पिछले कुछ दिनों से खाताधारकों के निवेश की कालावधि पूरी होने पर भी उन्हें उनकी रकम का विड्रॉल नहीं दिया गया. ऐसे में निवेशकों ने अपनी रकम वापिस मिलने हेतु पतसंस्था के सामने भीड करनी शुरु कर दी. इस दौरान पतसंस्था कर्मचारियों की ओर से समाधानकारक जवाब नहीं मिलने से कई तरह कीे अफवाहें फैल गई. जिससे निवेशक भडक गये. जिसके बाद कई कर्मचारियों ने अपनी सुरक्षा के लिए दिग्रस पुलिस थाने पहुंचकर मदद हेतु गुहार लगाई. साथ ही कुछ लोगों ने बैंक के अध्यक्ष व संचालकों के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिसके चलते दिग्रस पुलिस ने जनसंघर्ष अर्बन निधि पतसंस्था के कार्यालय पर ताला लगाते हुए अपनी जांच शुरु कर दी है.

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