* प्रगतिशील होने का महज ढोंग
सांगली/दि.25 – पिछले कुछ समय से विविध समाज द्वारा आरक्षण की मांग किये जाने के बाद महाराष्ट्र में बार-बार जातिगत समीकरणों की चर्चा होती देखी गई. एक ओर राजकीय क्षेत्र से मराठा, ओबीसी, धनगर आरक्षण के बारे में हठवादी भूमिका रखी गई. बडे-बडे आंदोलन सडक पर उतरकर किये गये. इन सबके बीच महाराष्ट्र में बीजेपी के विधायक गोपीचंद पडलकर ने कह दिया कि, महाराष्ट्र प्रचंड जातिवादी राज्य बन गया है. यहां प्रगतिशील होने का स्वांग रचा जा रहा है. पडलकर के बयान की सर्वत्र चर्चा शुरु हो गई है.
जत के नवनिर्वाचित विधायक ने दो टूक कहा कि, महाराष्ट्र में फूले-शाहू-आंबेडकर की विचारधारा चलने का मुद्दा केवल भाषणों तक सीमित है. जबकि नेताओं के दिलो दिमाग में गहरा जातिवादी रवैया फिट है. पडलकर ने कहा कि, जातियों की दीवारे तोडकर सभी लोगों हेतु काम करना होगा. गांव-गांव में एक होना होगा. वैचारिक स्तर पर हमें एक होना होगा. उन्होंने राकांपा के जयंत पाटिल पर निशाना साधा. पडलकर ने कहा कि, कुछ वर्ष पहले जयंत पाटिल ने देवेंद्र फडणवीस के मी पुन्हा येईन बयान की खिल्ली उडाई थी. अभी के विधानसभा सत्र में पाटिल ने पूरा रुख बदल लिया.