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शालेय पाठ्यक्रम में मनुस्मृति का होगा समावेश

शिक्षा मंत्री केसरकर ने दी जानकारी

मुंबई/दि.28- राज्य सरकार द्वारा शालेय विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में स्वामी समर्थ रामदास के ‘मनाचे श्लोक’ तथा ‘श्रीमद् भगवत गीता’ के श्लोकों का समावेश किया जाएगा. साथ ही साथ भारतीय मूल्यों का परिचय कराने हेतु मनुस्मृति के भी कुछ श्लोकों का पाठ्यकम में प्रयोग किया जाएगा. जिसे लेकर अब राज्य में नया विवाद शुरु हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री व राकांपा नेता शरद पवार ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जताई है और रकांपा शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया है कि, संविधान को नकारने हेतु सरकार द्वारा जानबुझकर मनुस्मृति को लाया जा रहा है. वहीं हिंदू जनजागृति समिति ने मनुस्मृति का पाठ्यक्रम में समावेश करने को लेकर अपना समर्थन दर्शाया है. इन सबके बीच राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने बताया कि, भले ही मनुस्मृति ग्रंथ के कुछ हिस्सों को लेकर कुछ लोगों की आपत्ति है. लेकिन जिस श्लोक को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है. वह श्लोक काफी अच्छा है और उसका अर्थ भी बेहद सार्थक है.
शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के मुताबिक मनुस्मृति के आपत्तिजनक हिस्सों का सरकार द्वारा प्रचार या समर्थन नहीं किया जा रहा. लेकिन जिस श्लोक को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव है, उस श्लोक में कोई भी त्रृटी या गलती नहीं है. यहीं वजह है कि, सीबीएससी बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर उस श्लोक को पढाया जा सकता है. उधर दूसरी ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, वे जब तक महायुति सरकार में है. तब तक ऐसा कुछ भी नहीं होने देंगे. वे जिस विचारधारा को लेकर चल रहे है. उसे बिल्कुल भी धक्का नहीं लगने दिया जाएगा. यदि इसके लिए कोई बडी कीमत अदा करनी पडती है, तो वे वह कीमत अदा करने के लिए भी तैयार है.

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