आधी रात को मराठा और ओबीसी आंदोलक भिडे
आंतरवली सराटी की सीमा पर पुलिस का बंदोबस्त
जालना/दि. 21 – मराठा आरक्षण आंदोलन के होम ग्राऊंड आंतरवली सराटी की सीमा पर वडीगोद्री में शुक्रवार आधी रात को मराठा और ओबीसी आरक्षण आंदोलक आमने-सामने आ गए थे. दोनों ने ही जोरदार नारेबाजी कर माहौल गरमा दिया था. वातावरण को बिगडने न देने की चुनौती स्वीकार कर पुलिस ने मौके पर तगडा बंदोबस्त तैनात किया, बैरिकेटस् लगाए. जहां ओबीसी आंदोलन शुरु है उस मार्ग पर 14 पुलिस अधिकारी, 60 कर्मचारी और एसआरपीएफ की दो, आरसीपी की एक तुकडी तैनात की गई है.
* शांति का आवाहन
पुलिस ने दोनों ही पक्षों से सहकार्य की अपील और शांति बनाए रखने का आवाहन किया है. पुलिस का कहना है कि, क्षेत्र में फिलहाल शांति है. गत रात दोनों पक्ष आमने-सामने आ जाने से हंगामा की स्थिति बनी थी. उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों से मनोज जरांगे पाटिल आंतरवली सराटी में भूख हडताल पर बैठे है. वहीं ओबीसी आरक्षण आंदोलक लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे का भी उपोषण शुरु है. दोनों स्थानों पर पुलिस मुस्तैद है.
* पहुंचे शंभूराजे, लगाई सलाइन
मनोज जरांगे पाटिल की तबियत बिगडने से राज्य सरकार का अनुरोध लेकर मंत्री शंभूराजे देसाई अनशन पंडाल पहुंचे. बडी मानमनौवल के बाद मनोज जरांगे ने ग्लूकोज लगाने के तैयार हुए. उनके सलाइन लगाने से समर्थको ने थोडी राहत महसूस की है. जरांगे लगातार छठवीं बार भूख हडताल पर बैठे हैं.
* भुजबल और फडणवीस पर आरोप
मनोज जरांगे ने मंत्री छगन भुजबल और देवेंद्र फडणवीस पर आरोपों का पुनरुच्चार किया. उन्होंने कहा कि, छगन भुजबल है जो धनगर और मराठों में झगडे लगा रहे हैं. हम खूनी आंदोलन नहीं करते, आप भी न करें. जरांगे ने कहा कि, ओबीसी आरक्षण को धक्का लगाए बगैर मराठा आरक्षण लेकर रहेंगे. जरांगे ने कहा कि, आरक्षण नहीं दिया तो सभी का वे हिसाब कर देंगे. गत रात की वडीगोद्री की घटना पर भी जरांगे ने कहा कि, मार्ग में रोके जाने पर राडा होगा. हमारे कारण आपके आरक्षण को धक्का नहीं लग रहा. जरांगे ने मराठा से शांतिपूर्ण आंदोलन का आवाहन किया. उन्होंने बताया कि, गत रात उनकी मंत्री दीपक केसरकर और शंभूराजे देसाई से बात हुई. एक-दो दिनों में निर्णय करने का आश्वासन देने से उन्होंने सलाइन लगवा ली. जरांगे ने कहा कि, राजनीति से लेना-देना नहीं. मराठा के लडके अब सुननेवाले नहीं है. जरांगे ने लक्ष्मण हाके के बारे में कहा कि, परली वाले और भुजबल के कारण लक्ष्मण हाके आंदोलन पर बैठे है. पंढरपुर में धनगर आंदोलन कर रहे हैं. हम उनकी बगल में जाकर बैठे तो वह चलेंगा क्या?