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मराठाओं का ‘कुणबी’ प्रमाणपत्र को विरोध

ओबीसी मुक्ति मोर्चा की हाईकोर्ट में गुहार

नागपुर/दि.30- ओबीसी मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नितिन चौधरी ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर कर मराठा समाज को कुणबी के रुप में मंजूरी देते हुए मराठा समाज का ओबीसी में समावेश करने के राज्य सरकार का मंसूबा घटनाबाह्य रहने का दावा किया है. साथ ही इस संदर्भ में समिति स्थापन करने का निर्णय रद्द करने की मांग की है.
मराठा समाज को खुद की पहचान कायम रख आरक्षण चाहिए. इसके लिए वे संषर्घ कर रहे हैं. सरकार ने उनकी मांग पूर्ण की थी. लेकिन यह आरक्षण न्यायालय में नहीं टिक पाया. विविध न्यायालयिन निर्णय में मराठा समाज कुणबी (ओबीसी) न रहने की बात स्पष्ट की गई है. ऐसा रहते हुए भी सरकार मराठा समाज को कुणबी के रुप में मान्यता देने का प्रयास कर रही है. मराठा समाज यह कुणबी रहने का सिद्ध करने वाले दस्तावेज, करार और अन्य ऐतिहासिक सबूत खोजने के लिए समिति स्थापित करने का निर्णय 7 सितंबर 2023 को जारी किया गया है. यह निर्णय अवैध है, ऐसा याचिकाकर्ता का कहना है.
* कुणबी जाति सिद्ध करने में विफल
राज्य सरकार ने 1 जून 2004 को निर्णय जारी कर अन्य पिछडा वर्ग की सूची में कुणबी जाति की उपजाति के रुप में मराठा कुणबी व कुणबी मराठा का समावेश किया है. लेकिन मराठा समाज के नागरिक यह जाति सिद्ध करने में विफल साबित हो रहे है. जाति प्रमाणपत्र कानून की धारा 8 के मुताबिक संबंधित व्यक्ति व्दारा खुद की जाति खुद ही सिद्ध करना आवश्यक है. इस ओर भी याचिकाकर्ता ने ध्यान केंद्रीत किया है.

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